मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 1 लाख से ज्यादा लोग रोजाना परेशान हो रहे हैं. इसके पीछे की वजह ट्रांसपोर्ट लाइफलाइन कही जाने वाली BCLL की 136 लाल बसों के थम चुके पहिए हैं. इन बसों से रोजाना हजारों छात्र-छात्राएं सफर करते हैं. लेकिन दरअसल, स्पेयर टैक्स (spare tax) नहीं भरने के कारण बस ऑपरेटर्स को परमिट नहीं मिल रहा है. इसकी वजह से राजधानी की लाइफ लाइन कही जाने वाली भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (BCLL) की बसें डिपो में खड़ी हुई हैं. परमिट रिन्यू न होने वाली बसों की क़तार बागसेवनिया में लगी हुई है. बस ऑपरेटर्स परमिट मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन RTO इन्हें परमिट नहीं दे रहा है. इसी वजह से इन बसों की रफ्तार थम चुकी है.
बसों के पहिए थमने से आमजन पर पड़ रहा असर
बसों के रुकने के चलते आम लोगों की जिंदगियां अस्त-व्यस्त हो चुकी है. ऐसे में NDTV की टीम ने लोगों की परेशानियों को जानने की कोशिश की. इसी कड़ी में हमारी बात महेंद्र से हुई. महेंद्र राजधानी भोपाल के एक कोने पर रहते हैं. महेंद्र भोपाल के कोचिंग हब MP नगर में पढ़ने के लिए आते हैं. बसों की रफ्तार थमने से महेंद्र पिछले कई दिनों से परेशान हैं. उनकी क्लास रोज़ाना छूट रही है. बस उन्हें मिलती नहीं सो वह वक्त पर कोचिंग पहुंच नहीं पाते। उनका कहना है कि ऑटो वाले मनमाना किराया वसूलते हैं. इससे महीने का बजट भी बिगड़ जाता है.
हम जिस रूट से आते हैं, वहां पर अब बस चल ही नहीं रही है. कितनी परेशानी होती है रोज़ और ऑटो और कैब कब तक बुक करके आए ??? परेशानी होती है.... हमें रोज़ लेट होता है.महेंद्र, छात्र
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ललित कारपेंटर
मामले में BCLL का क्या है कहना?
भोपाल में करीब 136 बसों के पहिए थमे हुए हैं. परिवहन विभाग ने और टैक्स की मांग की है. मामले में भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड का कहना है कि वो 1.88 करोड़ का टैक्स भर चुका है... लेकिन बसों का 10 लाख का स्पेयर टैक्स नहीं भरा गया है इस वजह से परमिट रिन्यू नहीं हुआ है. RTO और बस संचालकों के बीच चल रहा मामला अब तक नहीं सुलझ पाया है. करीब 17 दिनों के बाद भी बसें बंद हैं. ऐसे में आम लोगों को खासी दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा है. BCLL का तर्क है कि RTO ख़ुद ही परमिट रिन्यू करने को तैयार नहीं है, 15 दिन की मोहलत लेकर जैसे-तैसे करोड़ों का टैक्स भरा था. 136 बसों का परमिट रिन्यू ना होने के कारण भार बढ़ गया. उधर, शासन ने भोपाल के आस-पास की परिधि में बसें चलाने की परमिशन तो दी लेकिन, उनके टैक्स को लेकर कोई चर्चा नहीं की.
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