
सूदखोरी और अन्य मामलों में आरोपी रायपुर के हिस्ट्रीशीटर तोमर बंधुओं (वीरेंद्र सिंह तोमर, रोहित सिंह तोमर) को बिलासपुर स्थित छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) से राहत नहीं मिली है. तोमर बंधुओं की अग्रिम जमानत याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की एकलपीठ में सुनवाई हुई, लेकिन कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत पर आदेश नहीं दिया. वहीं, कोर्ट ने रायपुर एसपी को 2 सप्ताह में स्वयं के शपथपत्र के साथ जवाब पेश करने का आदेश दिया है.
सेशन कोर्ट ने पहले ही दोनों भाइयों को 18 अगस्त तक सरेंडर करने का उद्घोषणा आदेश जारी किया था, लेकिन गिरफ्तारी से बचने उन्होंने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. सेशन कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका पहले ही खारिज कर दी थी.
पुलिस और क्राइम ब्रांच अब भी फरार तोमर भाइयों की तलाश में जुटी है. परिजनों के मोबाइल सर्विलांस पर होने के बावजूद अब तक कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस लगातार उनसे जुड़े लोगों से पूछताछ कर रही है.
तोमर बंधुओं की संपत्ति कुर्क होगी
तोमर बंधु पिछले दो महीने से फरार चल रहे हैं. पुलिस ने तोमर भाइयों वीरेंद्र और रोहित को गिरफ्तार करने के लिए लगातार दबिश दी, लेकिन दोनों हाथ नहीं लगे. इसके बाद पुलिस ने कोर्ट में उद्घोषणा की प्रक्रिया शुरू की. उद्घोषणा की अंतिम तारीख 18 अगस्त तय की गई. वीरेंद्र और रोहित तोमर सोमवार को भी कोर्ट में पेश नहीं हुए और न ही सरेंडर किया. पुलिस अब उनकी संपत्ति कुर्क करेगी.
पुलिस ने रायपुर कलेक्टर को तोमर बंधुओं की चार संपत्तियों की कुर्की का प्रतिवेदन भेजा है. बता दें कि पुलिस ने दोनों आरोपियों पर पांच-पांच हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया है. हालांकि सूदखोरी के मामलों में उनकी पत्नियों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है.
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