माता बिरसानी देवी मंदिर में हर साल नवरात्रि पर होता है चमत्कार
Birsani Mata Mandir Anuppur: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के अनूपपुर जिले से करीब 80 किलोमीटर दूर तुलरागढ़ की पहाड़ियों के बीच स्थित है माता बिरसानी देवी का प्राचीन मंदिर (Mata Birsani Devi Mandir)... यहां तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को मुख्य सड़क मार्ग से लगभग 4 किलोमीटर का दुर्गम पहाड़ी रास्ता तय करना पड़ता है. यह रास्ता इतना पथरीला और कठिन है कि इसे मार्ग कहना भी उचित नहीं होगा. लेकिन, घने जंगलों के बीच स्थित यह मंदिर शांति और मनमोहकता का अद्भुत अनुभव कराता है.

माता बिरसानी देवी मंदिर में होता है चमत्कार
मूर्ति के इतिहास का नहीं लगता अंदाजा
बिरसानी देवी मंदिर बहुत प्राचीन है. कहा जाता है कि यहां की मूर्ति पांडव काल की है और यह हस्तकला का एक अद्भुत नमूना है. हर साल चैत्र नवरात्रि के दौरान यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है. मंदिर से कुछ ही दूरी पर बाघड़ी गांव में एक खंडहर स्थित है, जिसे 'भाड़ी' के नाम से जाना जाता है. कुछ लोगों का मानना है कि माता बिरसानी की यह मूर्ति पहले इसी खंडहर में थी, जिसे बाद में तुलरा गढ़ में स्थापित किया गया. हालांकि, इस बारे में कोई सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है कि यह मूर्ति कब से यहां विराजित है.

माता बिरसानी देवी मंदिर में होता है चमत्कार
नवरात्रि में होता है चमत्कार
मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिनों में किसी एक दिन जंगल का राजा, यानी शेर, माता के दर्शन करने आता है. स्थानीय पुजारियों और श्रद्धालुओं ने कई बार इसे देखने का दावा किया है. कहा जाता है कि शेर मंदिर के बाहर कुछ मिनट बैठता है और फिर वापस जंगल में चला जाता है, लेकिन उसने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है. सेवादार या स्थानीय निवासियों ने बताया कि "हम हर साल नवरात्रि में यहां रहते हैं. शेर आता है, माता के दर्शन करता है और चुपचाप चला जाता है. यह हमारी आस्था का प्रतीक है."
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पांडवों के समय के हैं ये खास माता के मंदिर
ऐसा ही एक और मंदिर उमरिया जिले के पाली शहर में भी स्थित है, जहां माता बिरसानी देवी की प्रतिमा विराजमान है. साथ ही, शहडोल जिले के अन्तराभार गांव और डिंडोरी जिले के कुकर्रा मठ गांव में भी इसी तरह के मंदिरों के अवशेष मिलने की बात कही जाती है. स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि ये सभी मंदिर पांडवों के समय के हैं.
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