नायाब तहसीलदार ने रिश्वत के आरोप को बताया निराधार
MP News in Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सिंगरौली (Singrauli) जिले के खुटार वित्त के नायाब तहसीलदार बुद्धसेन मांझी पर ग्रामीणों ने कलेक्टर की जन सुनवाई (Collector Jan Sunwai) में रिश्वत के कई आरोप लगाए थे. इस मामले में नायाब तहसीलदार (Nayab Tehsildar) बुद्धसेन मांझी ने ग्रामीणों के आरोपों को निराधार बताते हुए उनका खंडन किया. उन्होंने प्रशासन के सामने अपनी सफाई पेश की है.
एनडीटीवी के सामने रखा अपना पक्ष
तहसीलदार ने NDTV से बात करते हुए बताया कि बसौड़ा गांव के एक ही परिवार के कुछ लोग कलेक्टर की जन सुनवाई में गए थे. तहसीलदार ने कहा, 'मेरे ऊपर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है, जो पूरी तरह निराधार है. जमीन का बंटवारा के लिए आवेदन दिए थे, लेकिन उसमें कुछ लोगों ने आपत्ति लगा दी थी, जिस वजह से उनका काम नहीं हो पाया था. इसलिए दबाव बनाने के लिए एक ही परिवार के कुछ लोग मेरे ऊपर झूठा आरोप लगा रहें है, जो निराधार है.'
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल सिंगरौली जिले के बसौड़ा गांव के एक ही परिवार के करीब 50 लोग बीते मंगलवार को कलेक्टर की जन सुनवाई में पहुंचे थे. वहां कलेक्टर चंद्र शेखर शुक्ला के सामने कहने लगे-साहब! जमीन का बंटवारा कराने के लिए हम लोग तहसीलदार को 65 हजार रुपये रिश्वत दिए है, पैसे देने के बाद भी हमारा काम नहीं हुआ. या तो हमें पैसे वापस दिलवा दीजिये या फिर हमारा काम करवा दीजिये. यह सुनकर कलेक्टर भी दंग रह गए और मामले की जांच के आदेश दे दिए. फिलहाल, इस मामले पर नायाब तहसीलदार ने अपनी प्रतिक्रिया वक्त की है.
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