
Chhattisgarh Crime News: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है. प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक पर कुछ लोगों ने घात लगाकर जानलेवा हमला कर दिया. आरोप है कि स्कूल से लौट रहे शिक्षक को सिलफिली जंगल में रोककर लात-घूंसों और पत्थरों से बेरहमी से पीटा गया, इस हमले में शिक्षक को गंभीर चोटें आई हैं. जिसके बाद उन्हें अंबिकापुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
घटना का पूरा घटनाक्रम
मामला सूरजपुर जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र का है, जहां मरकाडांड प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक जीवधन जायसवाल मंगलवार को अपने स्कूल से घर लौट रहे थे.जैसे ही वे सिलफिली जंगल के पास पहुंचे, घात लगाए बैठे हमलावरों बाइक से पीछा कर उन्हें रोक दिया और वीरेंद्र, जितेंद्र, अनिल जायसवाल ने उन पर हमला कर दिया.
स्थानीय राहगीरों के बीच बचाव के बाद आरोपी भाग खड़े हुए. लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शिक्षक को अस्पताल पहुंचाया, जहां ICU वार्ड में उन्हें रखा गया है. उनकी हालत नाजुक बनी हुई है.
रंजिश की आशंका
पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक जांच में यह हमला किसी निजी विवाद या पुरानी रंजिश का नतीजा माना जा रहा है. खास बात यह है कि इस हमले में एक अन्य शिक्षक समेत तीन लोगों के शामिल होने की बात सामने आ रही है. हालांकि पुलिस अभी जांच कर रही है और नामों का खुलासा करने से बच रही है.
परिजनों का आरोप
इस हमले के बाद शिक्षक के परिजन धर्मपाल जायसवाल ने प्रतापपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. मामला थाना प्रभारी सहित थाना में मौजूद पुलिस कर्मियों को बताया गया, लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने पूरे मामले में जमानती धाराओं के तहत ही अपराध दर्ज किया है. जबकि सिर में लगातार बड़े-बड़े पत्थर से हमला करने के निशान हैं.पुलिस की कार्यशैली पर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है.
होगी सख्त कार्रवाई
घटना को लेकर प्रतापपुर के थाना प्रभारी लक्ष्मण धुर्वे का कहना है कि प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है.चूंकि पीड़ित फ़िलहाल हॉस्पिटल में एडमिट हैं, जिनका इलाज़ ज़ारी है, ऐसे में उनके बयान और डॉक्टरों के रिपोर्ट के बाद धाराएं बढ़ाई जाएंगी. वहीं आरोपियों की पहचान की जा रही है.इस मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
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शिक्षकों में सुरक्षा को लेकर चिंता
इस घटना को लेकर शिक्षकों दहशत का माहौल है. शिक्षक समुदाय डरा हुआ है. शिक्षकों का कहना है कि अगर प्रशासन से मांग है कि जल्द से जल्द हमलावरों को गिरफ्तार करे.यह पहली बार नहीं है जब शिक्षकों को निशाना बनाया गया है. शिक्षकों पर हमले की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन अभी तक कोई ठोस कदम उठाने में नाकाम रहा है. पुलिस की जांच जारी है और अगले 24 घंटे में यह साफ हो सकता है कि आरोपियों की गिरफ्तारी होगी या नहीं?
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