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सिंगरौली में भूमाफियाओं ने लगाया गजब का दिमाग! मुआवजे के लिए 5 गावों में बना दिए 5000 नकली घर

Madhya Pradesh: जिला प्रशासन ने जमीन क्रय विक्रय, रजिस्ट्री और मकान निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया. इसके अलावा प्रशासन की टीम गांव-गांव में अनाउंसमेंट भी कर रही है, लेकिन इसके बावजूद मुआवजा माफिया मुआवजे वाले घरों का निर्माण करा रहे हैं.

सिंगरौली में भूमाफियाओं ने लगाया गजब का दिमाग! मुआवजे के लिए 5 गावों में बना दिए 5000 नकली घर

Land mafia active for compensation in Singrauli: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में खनिज संपदाओं की प्रचुरता की वजह से यहां उद्योगों की झड़ी लग गई है. जिले के सरई तहसील क्षेत्र में बंधा नॉर्थ कोल ब्लॉक का आवंटन हुआ है, जिसमें 5 गांवों को उजाड़ने की तैयारी कर ली गई है. वहीं कोयला खनन के लिए इन गांवों को चिन्हित भी कर लिया गया है. ऐसे में अब इन गांवों के रहवासियों को विस्थापन का दंश झेलना पड़ेगा और अपना नया ठिकाना बदलना पड़ेगा. इस विस्थापन से कोल ब्लॉक में आवंटित गांवों का नामोनिशान मिट जाएगा.

यहां के किसानों की जमीनों ने कोल परियोजना को आधार दिया. जमीनें गई... बदले में करोड़ों का मुआवजा मिलेगा, लेकिन क्या इस विकास से 5 गांवों के किसानों की जिंदगियां बेहतर हो पाएगी? क्या मुआवजा उनकी तकलीफों पर मरहम लगा पाएगा? इन्ही सवालों के जबाब को जानने के लिए NDTV की टीम ग्राउंड पर पहुंची और इन गांवों का जायजा लिया. पढ़िए देवेंद्र पाण्डेय की ग्राउंड रिपोर्ट...

मुआवजा के लिए बनाया गया नकली शहर 

NDTV की टीम जब आवंटित कोल ब्लॉक के बंधा गांव पहुंची तो वहां की तस्वीर देखकर दंग रह गई, जहां पहले यह गांव वीरान सुनसान हुआ करता था... अब वहां एक नकली शहर बन गया है. घरों की लाइन लग गई है. घर भी ऐसा जिसमें कोई रहता नहीं है... सिर्फ मकान का ढांचा तैयार कर बनाया गया है.

सरकारी खजाने में सेंध लगाने के लिए बनाए गए 5000 से ज्यादा मकान

सरकारी खजाने में सेंध लगाने के लिए आवंटित कोल ब्लॉक के 5 गांवों में करीब 5000 से ज्यादा मकान बनकर तैयार है. गांव के पुस्तैनी वाशिंदों ने बताया कि यहां के लोगों ने कोई भी घर नहीं बनाया है. मुआवजा के लिए बाहर से यहां आकर लोगों ने 'मुआवजा वाला घर' तैयार किया है.

विस्थापित हो रहें स्थानीय वाशिंदों ने 'गांव से बाहरी भगाओ, गांव बचाओ... अभियान भी चला रहे हैं. जो लोग बाहर या अन्य राज्यों से आकर मुआवजे के लिए घर बनवा रहे हैं उनका वो विरोध कर रहे हैं, लेकिन मुआवजा माफिया है कि मानने को तैयार नहीं है.

पहले भी सरकारी खजाने को लूट चुका मुआवजा माफिया

ये वो मुआवजा रैकेट है जो मुआवजे वाले घरों का निर्माण कराता है. सरकार से मोटी रकम मुआवजे के रूप में बसूलती है. बता दें कि यह गिरोह सरकारी खजाने में सेंध लगाने में सबसे आगे है. यह गिरोह पहले रेलवे परियोजना में सरकारी खजाने को मुआवजे के तौर पर लूटा. इसके बाद हाइवे प्रोजेक्ट और अब कोल ब्लॉक में लूट करने की जुगत में लगा हुआ है. यही वजह है कि जिला प्रशासन के रोक के बाद भी मुआवजा माफियाओं ने 5 गांवों में करीब 5 हजार से ज्यादा नकली घरों का निर्माण करा लिया, ताकि यहां भी सरकारी खजाने में सेंध लगा सके. 

पचौर, बंधा, देवरी, जैसे 5 गांवों के किसानों की जमीन कोल ब्लॉक में अधिग्रहित की जा रही है. इसके बदले में किसानों को मुआवजा मिलेगा, लेकिन क्या मुआवजे से उनकी जिंदगियां बेहतर होगी?  

जमीन के बदले जमीन चाहिए- ग्रामीण

अधिग्रहित गांव की रहनेवाली वीरमति साकेत बताती हैं कि हम कैसे जिंदगी जीएं, हमे तो जमीन के बदले जमीन चाहिए.

नए मकानों को नहीं दिया जाएगा मुआवजा 

वहीं सिंगरौली कलेक्टर चंद्र शेखर शुक्ला का कहना है कि कोल ब्लॉक आवंटित होते ही बड़ी संख्या में यहां बाहर या अन्य राज्यों के लोग आकर मकानों के निर्माण करा रहे हैं. सर्वे हो चुका है, सर्वे के बाद जितने भी मकान बनाया जा रहा है उसका मुआवजा नहीं मिलेगा.

प्रशासन ने मकान निर्माण पर लगाया प्रतिबंध 

जिला प्रशासन ने रजिस्ट्री, जमीन क्रय विक्रय, मकान निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया. वहीं प्रशासन की टीम गांव-गांव में अनाउंसमेंट भी कर रही है, लेकिन इसके बावजूद मुआवजा माफिया मुआवजे वाले घरों का निर्माण करा रहे है.

ऐसे में अब बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या सरकार के खजाने को लूटने के लिए मुआवजा माफिया के साथ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत है? दरअसल, यह माफिया पहले रेलवे प्रोजेक्ट में सरकारी खजाने में जमकर लूट की और बिना घर बने ही कागजों में दिखाकर मुआवजे का भुगतान कर दिया गया. रेलवे प्रोजेक्ट में लूटने के बाद अब यह माफिया कोल ब्लॉक में भी सक्रिय हो गया है. यह सब खेल भू अर्जन, राजस्व, विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों के संरक्षण के बिना कैसे संभव है?

कोल ब्लॉक परियोजना से ग्रामीणों को क्या होगा लाभ?

सवाल यह भी उठ रहे हैं कि  5 गांवों के विस्थापित हो रहें ग्रामीणों को इस कोल ब्लॉक के परियोजना से कितना लाभ होगा? कितना खुशहाल उनकी जिंदगी होगी? किसान सरकार से यहीं चाहते है कि जमीन के बदले में हमें जमीन दी जाए, ताकि उनकी जिंदगी खुशहाल हो सके.

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