
Siberian Birds Migrating: जबलपुर और इससे लगे आसपास के इलाकों में ठंड की आमद के साथ ही एक सफेद चादर बिछनी शुरू हो गई है. यह सफेद चादर किसी बर्फ या कोहरे की नहीं, बल्कि यहां हर साल पहुंचने वाले प्रवासी पक्षियों की है. दरअसल, हर साल नर्मदा नहीं के तट और जिले के सबसे बड़े बुढ़ान सागर तालाब में इन विदेशी पक्षियों की आमद ठंड के साथ ही शुरू हो जाती है. नवंबर से लेकर फरवरी के अंत तक ये पक्षी अब यहीं निवास करेंगे और प्रजनन के बाद गर्मियां शुरू होते ही चले जाएंगे.

तरह-तरह के पक्षी पहुंचते हैं जबलपुर
बीते सालों में ठंड के मौसम में नर्मदा तटों पर साइबेरियन पक्षी सीगल और गल्स बड़ी संख्या में दिखाई देते हैं. वहीं, बुढान सागर तालाब में तो स्लेटी व सफेद रंग के बड़े पक्षी, गिद्ध के समान विशालकाय सारस की प्रजाति के पक्षी और कोयल की तरह दिखने वाली प्रजाति के पक्षी बड़ी संख्या में पहुंचे हैं. बुढान सागर तालाब के आसपास लगे वृक्षों को ये पक्षी अपना आशियाना बनाते हैं. रात के वक्त चांद की रोशनी में पक्षियों से लदे हुए इन पेड़ों का नजारा ही कुछ और होता है.
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प्रजनन के लिए करते हैं प्रवास
जबलपुर में पहुंचने वाले अधिकांश पक्षी साइबेरिया के बताए जाते हैं. वहां, कड़ाके की ठंड में इनका जीना दूभर हो जाता है. इसलिए ठंड की शुरुआत के साथ ही वे दक्षिण की ओर सफर पर निकल जाते हैं. बीते करीब दो दशक से इन प्रवासी पक्षियों की आमद जबलपुर में हो रही है. ये पक्षी नवंबर से फरवरी के समय तक यहां आकर प्रजनन करते हैं और यहां की जैव विविधता पर भी अपना प्रभाव छोड़ते हैं.
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