भोपाल : अगले महीने भोपाल में होने वाली अपनी रैली को रद्द करके विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' बीजेपी नेताओं के निशाने पर आ गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि उन्होंने रैली इसलिए रद्द की क्योंकि उन्हें पता था कि भोपाल में क्या होने वाला है क्योंकि लोगों में आक्रोश है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कहा कि 'इंडिया' ने भोपाल में अगले महीने होने वाली अपनी प्रस्तावित रैली को निरस्त इसलिए किया है, क्योंकि उन्हें सनातन के खिलाफ इस गठबंधन के नेताओं के दिए बयान पर जनता के आक्रोश का अहसास हो गया है.
उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह और कमलनाथ भी कुछ नहीं बोल रहे हैं और इसी डर से रैली को रद्द कर दिया गया. 'अब देखो जनता जिनको आशीर्वाद दे रही है, वह आशीर्वाद यात्रा निकालेंगे और जिन्होंने जनता की सुविधा छीनी थी उनके खिलाफ आक्रोश है.'
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'जिनके खिलाफ आक्रोश, वे निकाल रहे रैली'
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने 2019 में जल जीवन मिशन शुरू किया, कमलनाथ ने घरों में पानी नहीं पहुंचने दिया, उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के नाम नहीं पहुंचाए, प्रधानमंत्री आवास वापस लौटा दिए गए, स्टेट का शेयर नहीं दिया गया और मध्य प्रदेश की तो सारी योजनाएं बंद कर दीं. संबल योजना बंद कर दी, भांजियों के लैपटॉप बंद कर दिए, साइकिल बंद कर दी, कन्या विवाह में विवाह करके पैसा नहीं दिया, तीर्थ दर्शन योजना बंद कर दी इसलिए जनता में आक्रोश है. जिनके खिलाफ आक्रोश है, वे आक्रोश रैली निकाल रहे हैं.'
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क्या है विवादित बयान?
द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन ने हाल में कहा था कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसे खत्म किया जाना चाहिए. उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू वायरस तथा मच्छरों से होने वाले बुखार से करते हुए कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध ही नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि उन्हें नष्ट किया जाना चाहिए. द्रमुक के एक अन्य नेता ए राजा ने सनातन धर्म की तुलना कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों से की थी. मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.