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This Article is From Jun 12, 2024

MP News: 5 लाख लोग और उनके लिए केवल एक आधी- अधूरी मृदा परीक्षण प्रयोगशाला...ऐसे कैसे चलेगा काम

Shivpuri: कृषि विज्ञान केंद्र की प्रयोगशाला की बात करें या फिर मंडी में बनाई गई प्रयोगशाला की. प्रयोगशाला तो कहीं से कहीं तक नजर नहीं आई हां दोनों जगह का रियलिटी चेक करने पर प्रयोगशाला के नाम पर एक कमरा जरूर दिखाई दिया और इस कमरे में सैंपल भी भरे थे.

MP News: 5 लाख लोग और उनके लिए केवल एक आधी- अधूरी मृदा परीक्षण प्रयोगशाला...ऐसे कैसे चलेगा काम
Shivpuri News: मंडी में फसल बेचने आए किसानों से जब NDTV  ने बात की और उनकी मिट्टी परीक्षण के संबंध में जानकारी ली तो हैरान करने वाली जानकारी सामने आ

Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) कृषि मंत्रालय के अनुसार हर विकासखंड पर एक मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का होना जरूरी है और इसके लिए बाकायदा बिल्डिंग भी बना दी गई है लेकिन मध्य प्रदेश के ज्यादातर जिलों में नाम मात्र के लिए ही इस तरह की मृदा परीक्षण प्रयोगशाला मौजूद है. प्रदेश की शिवपुरी जिले (Shivpuri District) की अगर बात करें तो 5 लाख से ज्यादा किसानों की संख्या के बावजूद इस जिले में सिर्फ एक मृदा परीक्षण प्रयोगशाला है. जिसमें एक टेक्नीशियन और एक एमएससी मृदा विशेषज्ञ के अलावा कोई दूसरा मृदा परीक्षण वैज्ञानिक मौजूद नहीं है.

दिख रही है सिर्फ खानापूर्ति

इतना ही नहीं मशीनों की अगर बात करें तो यहां ज्यादातर जांच करना संभव ही नहीं है. क्योंकि एक 15 बाई 15 के कमरे में चलने वाली लैब मे महज परीक्षण की खानापूर्ति की जा रही है. किसानों का कहना है कि आज तक उन्हें कभी कोई मृदा परीक्षण की रिपोर्ट नहीं मिली और सैंपल लेने कोई उनके पास नहीं पहुंचा. अगर गांव वाले किसान खुद अपना मिट्टी का सैंपल लेकर जाते हैं तो विभाग पहले तो उसे लेने से मना कर देता है और अगर लेता भी है तो फिर कहां फेंक देता है कोई नहीं जानता. कुल मिलाकर मृदा परीक्षण के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति ही दिख रही है.

 शिवपुरी जिले में हैं आठ विकासखंड

कृषि विज्ञान केंद्र की प्रयोगशाला की बात करें या फिर मंडी में बनाई गई प्रयोगशाला की. प्रयोगशाला तो कहीं से कहीं तक नजर नहीं आई हां दोनों जगह का रियलिटी चेक करने पर प्रयोगशाला के नाम पर एक कमरा जरूर दिखाई दिया और इस कमरे में सैंपल भी भरे थे, मशीन भी रखी थी और वहीं केमिकल भी पड़े थे. कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने अपना पल्ला यह कहकर झाड़ दिया कि हमारे यहां लैब स्वीकृत ही नहीं है.

हैरान करने वाली जानकारी आई सामने

मंडी में फसल बेचने आए किसानों से जब NDTV  ने बात की और उनकी मिट्टी परीक्षण के संबंध में जानकारी ली तो हैरान करने वाली जानकारी सामने आई. किसानों ने एक आवाज में आरोप लगाया कि आज तक उन्हें किसी भी मिट्टी परीक्षण की रिपोर्ट नहीं सौंपी गई. नाराज किसानों का कहना है कि जब वह अपनी मिट्टी का सैंपल लेकर  कृषि विभाग के पास जाते हैं तो या तो विभाग उन्हें फेंक देता है या फिर रखकर भी रिपोर्ट नहीं देता और जिस अधिकारी के ऊपर मिट्टी के सैंपल इकट्ठे करने की जिम्मेदारी है. वह अपनी जिम्मेदारी पूरी करने कभी किसानों के पास जाने की जहमत नहीं उठाता.

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