Madhya Pradesh: सीहोर जिले के बुधनी में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. इलाके के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मुफ्त में दी जाने वाली दवाईयां बड़ी मात्रा में सड़क किनारे फेंकी गई है. मामले में बारीकी से जांच करने पर देखा गया कि ज्यादातर दवाएं एक्सपायरी डेट की हैं. मालूम हो कि सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि एक्सपायरी डेट वाली दवाओं को खुले में ना फेंका जाए. बावजूद इसके एक्सपायरी दवा को सड़क किनारे कूड़े के ढेर में फेंक दिया जाता है. इससे आमजन पर बुरा असर पड़ने की आशंका जताई गई है.
ऐसा करने से वातावरण को भी हो रहा नुकसान
बुधनी में सड़क के किनारे एक्सपायरी दवा फेंकने का यह मामला पहला नहीं है. इससे पहले भी सरकारी व मुफ्त में मिलने वाली दवाईयां कचरे के ढेर में मिल चुकी है. इसके पीछे स्वास्थ्य की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. वहीं, ऐसा करने से वातावरण भी प्रभावित हो रहा है. सरकार एक तरफ सरकारी अस्पतालों व डिस्पेंसरियों में करोड़ों रुपये की दवा मुहैया कराती है. वहीं दूसरी तरफ इन दवाइयों का सड़क किनारे मिलना अपने आप में विभाग को सवालों के घेरे में लाता है.
सड़क किनारे फेंका जा रहा मेडिकल कचरा
इलाके में प्राइवेट समेत सरकारी अस्पतालों के लिए सड़क पर दवाइयां फेंकना आम हो गया है. सड़क के किनारे इन दिनों हजारों की संख्या में एक्सपायरी दवा फेंकी जा रही है और ना केवल एक्सपायरी दवा बल्कि मेडिकल कचरा भी फेंका जा रहा है. इसको लेकर न सिर्फ वातावरण पर प्रदूषण का खतरा बढ़ रहा है. साथ ही बरसात के चलते पानी और गंदगी फैलने से डेंगू का जोखिम भी बढ़ रहा है. दूसरी ओर आम लोगों को समय पर दवाइयां लेने के लिए मशक्क्त करनी पड़ रही है.
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