
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में बच्चों में शिक्षा की अलख जागने सरकार बड़ा बजट खर्च कर रही है. छात्रों को पढ़ाई के साथ ही किताबें, छात्रवृत्ति के अलावा मिड डे मिल जैसी सुविधाएं भी निशुल्क दी जा रही हैं. लेकिन सीहोर में जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते स्कूल और आंगनबाड़ी के नौनिहाल परेशान हैं.
यहां की एक स्कूल के बच्चों को खाना तो स्कूल में मिल रहा है लेकिन पीने के पानी के लिए काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है. बच्चे पानी पीने के लिए आधा किमी दूर श्मशान घाट जाने को मजबूर हैं.
मुख्यालय से महज 6 किमी दूर ग्राम बिजौरा की शासकीय माध्यमिक शाला में हैंडपंप लंबे समय से खराब है. अब ऐसे में यहां अलग ही व्यवस्था बन गई है, बच्चे खाना तो स्कूल में खाते हैं लेकिन पानी पीने मजबूरन श्मशान में जाना पड़ रहा है. यहां पढ़ने वाले नौनिहालों की मुसीबत हो गई है. गांव के श्मशान में एक हैंडपंप लगा है. जिससे स्कूल के छात्र-छात्राएं पानी पीते हैं. जबकि बारिश के दिनों में यहां जलभराव की स्थिति बनती है. जबकि अनहोनी की भी आशंका बनी रहती है. यदि कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
यहां पर दो कमरों में प्राथमिक और माध्यमिक शाला संचालित की जा रही हैं. स्कूल में करीब 50 बच्चे पढ़ते हैं. परिसर में स्कूल के साथ ही आंगनबाड़ी और ग्राम पंचायत भवन भी है. यहां पानी के लिए हैण्डपंप लगा हुआ है लेकिन वह कई महीनों से खराब पड़ा है.
शिक्षकों ने बताया कि कई बार पंचायत में और पीएचई विभाग में शिकायत कर चुके हैं. लेकिन हैंडपंप सुधारने के लिए कोई भी कर्मचारी नहीं आया है. स्कूल में पानी की काफी परेशानी बनी रहती है, स्कूल में मिड डे मिल खाने के बाद बच्चे पानी पीने श्मशान में लगे हैंडपंप पर जाते हैं जबकि बर्तन भी यहीं पर धुले जाते हैं. समीप में कक्ष में आंगनबाड़ी भी संचातिल होती है. यहां के बच्चे भी इसी हैंडपंप पर पानी पीने के लिए जाते हैं.
इसलिए आ रही हैं समस्याएं
स्कूल के हेड मास्टर शिव नारायण गौर ने बताया कि सिर्फ दो कमरे में कक्षा 1 से लेकर 8 तक कक्षाएं संचालित कर रहे हैं. नए भवन के लिए बजट आवंटन हो गया है लेकिन पंचायत जगह देने को तैयार नहीं है. इसलिए कई प्रकार की समस्याएं आ रही है.
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