Clean India in MP: मध्य प्रदेश के छतरपुर नगर पालिका (Chhatarpur Nagar Palika) ने 5 करोड़ रुपये की मशीन खरीदी थी. वह मशीनें शोपीस बनी हुई हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि जो मशीन खरीदी गई थी, वह इतनी आधुनिक है कि इनको चलाने के लिए नगर पालिका छतरपुर में ड्राइवर ही नहीं है. इसी प्रकार से पहले भी कई मशीन खरीदी गई, लेकिन शो पीस में रखी-रखी सारी कबाड़ हो गई. अगर इन मशीनों का भी उपयोग नहीं किया गया, तो आने वाले समय में यह भी कबाड़ का रूप ले लेंगे. नगर पालिका अधिकारियों की कमीशन खोरी की वजह से यह मशीन खरीदी गई थी. इनके उपयोग से शहर में स्वच्छता की राह बेहतर हो सकती है.
कई करोड़ हो रहे खर्च लेकिन कोई फायदा नहीं
छतरपुर शहर में 40 वार्डों की सफाई का जिम्मा नगर पालिका के 678 सफाई कर्मचारियों पर हैं. इनके वेतन पर हर महीने करीब एक करोड़ रुपये खर्च होता है. लॉगबुक में कचरा वाहनों पर हर महीने लाखों रुपये का डीजल फूंका जा रहा है. बावजूद इसके शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर आए दिन सवाल खड़े हो रहे हैं. संख्या के हिसाब से हर वार्ड में दस से अधिक सफाई कर्मचारी तैनात किए जाने चाहिए. लेकिन, हालात इससे बहुत अलग हैं. वार्ड चाहे बड़ा हो या छोटा, सभी जगह अमूमन 2 से 3 सफाईकर्मी ही लगे हैं. सफाई व्यवस्था को लेकर पार्षदों में भी नाराजगी है.
जहां-तहां पड़ा रहता है कचड़ा
मॉनिटरिंग के अभाव में छतरपुर में सफाई अभियान गति नहीं पकड़ पा रहा है. 50 कचरा वाहन होने के बावजूद डोर-टू-डोर वाहन नहीं पहुंच रहे हैं. इस वजह से वार्ड में जहां-तहां गंदगी के अंबार लगे हैं. वार्ड प्रभारी सफाई के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं.
एक नजर में छतरपुर के सफाई कर्मचारी
- स्वच्छ भारत मिशन में कार्यरत -49
- स्वच्छता मस्टर-29
- संविदा में स्वच्छतामस्टर - 338
- स्वच्छता शाखा में नियमित-94, स्थाई कर्मचारी-60
- विभित गैंगों सर्वे के रूप में कार्यरत-108
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सफाईकर्मियों के वेतन पर हर दिन ₹3.17 लाख खर्च
नपा में सफाई कर्मियों के वेत पर रूक में हर माह 95 लाख, 39 हजार 592 रुपए खर्च होते हैं. वाहन, डीजल और अन्य खचे अलग से इसमें जुड़ते हैं. मामले को लेकर नगर पालिका का कहना है कि शहर को स्वच्छ रखने के लिए हम पूरी मेहनत कर रहे है. जहां भी शिकायत मिलती है, पूरी तत्परता से काम करते हैं. इस बार भी सर्वेक्षण बेहतर रैंकिंग की पूरी कोशिश है.
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