एसआईआर सर्वे (SIR Survey) के बढ़ते दबाव के बीच सागर जिले से एक दुखद घटना सामने आई है. प्राथमिक शाला निवारी में तैनात शिक्षिका लक्ष्मी जारोलिया हार्ट अटैक की पहले से मरीज थीं. एसआईआर सर्वे में तनाव के चलते वह बीमार पड़ गईं और परिजनों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया. 10 दिन तक चले इलाज के बाद उनका निधन हो गया. परिजनों का कहना है कि करीब दस दिन पहले उन्हें बीएलओ ड्यूटी के दौरान सीने में दर्द हुआ और वे सागर और भोपाल के निजी अस्पतालों में भर्ती रहीं, जहां हालत गंभीर बनी रही.
SIR के दौरान था अत्यधिक दबाव
लक्ष्मी जारोलिया पिछले 4–5 वर्षों से बीएलओ का कार्य कर रही थीं. उनके पुत्र देवांशु जारोलिया ने बताया कि एसआईआर के दौरान माताजी पर अत्यधिक मानसिक दबाव था. मोबाइल सही से न चलने के कारण तकनीकी कार्यों में दिक्कत आती थी, इसके बावजूद उनसे सुबह से रात 12 बजे तक रिपोर्ट तैयार करने, फॉर्म भरने और सूचनाएं भेजने का लगातार दवाब रहता था.
अचानक बिगड़ गई तबीयत
इसी तनाव के बीच सर्वे के दौरान ही उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई. सागर अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने हार्ट संबंधी गंभीर समस्या की पुष्टि की. लक्ष्मी जारोलिया परिवार की एकमात्र कमाने वाली सदस्य थीं. उनके पति की पहले ही मृत्यु हो चुकी थी. उनकी दो बेटियां और एक बेटा है. इनमें बड़ी बेटी और बेटे की शादी हो चुकी है.
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क्या बोलीं साथी
उनके साथ पदस्थ शिक्षिका रश्मि अहिरवार ने बताया कि वह पूर्ण स्वस्थ थीं. उन्हें ऐसी कोई भी दिक्कत नहीं थी, जैसे ही उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों का दबाव पड़ा तो वह तनाव के चलती बीमार हो गईं. 10 दिन से सागर और भोपाल के अस्पताल में इलाज चल रहा था.
तहसीलदार ने क्या बताया
इस मामले में तहसीलदार राजेश पांडे का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है. शिक्षिका बीएलओ का कार्य कर रही थी, लेकिन वह करीब 2021 से हार्ट की पेशेंट हैं. डॉक्टर ने भी हार्ट फेल होने की पुष्टि की है.