आत्मविश्वास, साहस और अदम्य इच्छा शक्ति का एक ऐसा उदाहरण सोमवार को मध्य प्रदेश के देवास शहर ने देखा, जिसने हर किसी की आंखें नम कर दीं. यह कहानी है उन नायिकाओं की, जिन्होंने दुनिया को दिखाया कि आंखें बंद हों तो भी सपने पूरे किए जा सकते हैं. देवास के मुख्य मार्गों पर सुबह 11 बजे एक ऐतिहासिक रैली निकली. यह रैली विश्व विजेता भारतीय ब्लाइंड महिला क्रिकेट टीम (Indian Blind Women Cricket Team) की थी. इन जांबाज खिलाड़ियों ने हाल ही में इतिहास रचा है. शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए रैली आनंद नगर स्थित ब्लाइंड स्कूल पहुंची, जहां इन खिलाड़ियों का भव्य स्वागत किया गया.

मीडिया से बात करते हुए टीम की स्टार खिलाड़ी सुषमा पटेल ने अपने अनुभव साझा किए. उन्होंने बताया कि विमेंस ब्लाइंड टी-20 वर्ल्ड कप (Women Blind T-20 World Cup 2025) में खेलना एक अविस्मरणीय अनुभव था. यह पहला वर्ल्ड कप मैच था और हमारे लिए यह एक बहुत बड़ा चैलेंज था. पाकिस्तान, बांग्लादेश, यूएसए जैसे देशों से हमारी जोरदार टक्कर थी, लेकिन टीम की एकजुटता और देश के लिए खेलने के जुनून ने हमें यह जीत दिलाई।. हमें गर्व है कि इस टीम में मध्य प्रदेश से तीन खिलाड़ी सुनीता सराठे, दुर्गा एवले और मैं, सुषमा पटेल थी.
आपको बता दें कि यह विमेंस ब्लाइंड टी20 वर्ल्ड कप का पहला ही संस्करण था और भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट को जीतकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. भारतीय टीम पूरे टूर्नामेंट में अपराजित रही. भारतीय टीम ने मजबूत ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त दी. फाइनल मुकाबले में नेपाल को हराकर टीम ने ट्रॉफी अपने नाम की.
सुषमा पटेल के अलावा इस ऐतिहासिक टीम का हिस्सा गंगा एस. कदम, दीपिका टीसी, सिमू दास, फुला सोरेन, और मैनेजर शिखा शेट्टी भी थीं, जिनकी संघर्ष की कहानियां आज लाखों लोगों को प्रेरित कर रही हैं.
इन खिलाड़ियों के संघर्ष और सफलता की गूंज राष्ट्रीय स्तर पर भी सुनाई दी. इस गौरवशाली मौके पर, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विशेष रूप से खिलाड़ी सुषमा पटेल को मिठाई खिलाकर उनकी जीत के लिए बधाइयां दीं. यह सम्मान इन खिलाड़ियों की मेहनत और बलिदान को दर्शाता है.