
Madhya Pradesh Hindi News: रीवा के एकमात्र कन्या महाविद्यालय (Girls College) में गुरुवार को पेपर देने आई छात्राओं ने जमकर किया हंगामा. दरअसल, छात्राओं का पॉलिटिकल साइंस का पेपर था, लेकिन उन्हें ह्यूमन राइट्स (Human Rights) की परीक्षा देने के लिए कहा गया. लड़कियों के एडमिट कार्ड में भी ह्यूमन राइट्स लिखा हुआ था. लड़कियों का कहना था कि बीए सेकंड ईयर (BA Second Year) में पेपर बदला नहीं जा सकता. फर्स्ट ईयर में हमने पॉलिटिकल साइंस (Political Science) का पेपर दिया था, सेकंड ईयर में भी हम वही पेपर देंगे.

वहीं, दूसरी और कॉलेज प्रबंधन ने 13 लड़कियों की परीक्षा ले भी ली, जबकि 100 से ज्यादा लड़कियों ने परीक्षा नहीं दी. उनकी मांग है कि उन्होंने जिस सब्जेक्ट को पढ़ा है, उसी सब्जेक्ट की परीक्षा देंगी. दूसरी ओर कॉलेज प्रबंधन रीवा विश्वविद्यालय (Rewa University) के संपर्क में है.
उसका कहना है कि हम 2 जून को छात्राओं की परीक्षा कराएंगे, लेकिन वह किसकी परीक्षाएं देंगी, यह एक बड़ा सवाल है. छात्राएं इसी को लेकर असंतुष्ट हैं.
कॉलेज में रोज नहीं लगतीं क्लास
छात्राओं का कहना है कि कॉलेज में क्लास रेगुलर नहीं लगती. हमेशा जीडीसी का ही नाम विवादों में आता है. छात्राओं ने कहा कि बीए द्वितीय वर्ष की छात्राएं ह्यूमन राइट्स ले ही नहीं सकतीं, जो बिल्कुल सही भी है. द्वितीय वर्ष में भी कोई पेपर बदला नहीं जा सकता है. हम वहीं परीक्षा देंगे, जो हमने प्रथम वर्ष में दी है. नाराज़ छात्राओं ने परीक्षा का बहिष्कार करते हुए नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग की है.
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