MP News in Hindi : मध्य प्रदेश की गंगा विदिशा की जीवन धारा कही जाने वाली बेतवा नदी पिछले कुछ समय से अपने दुर्दशा से परेशान है. अब बेतवा नदी को बचाने स्थानीय लोग आगे आए हैं और बेतवा की सफाई अभियान की शुरुआत की गई. इसमें सबसे हैरानी की बात तो यह रही बेतवा नदी सफाई अभियान में विदिशा वासियों ने तो अपनी रुचि तो दिखाई लेकिन स्थानीय प्रशासन नींद से नही जागा वहीं स्थानीय लोगो ने बेतवा की दुर्दशा का जिम्मेदार स्थानीय प्रशासन विधायक सांसद को ठहराया.
हरी चादर में तब्दील हुई बेतवा नदी
दरअसल, बेतवा नदी के बढ बाले घाट या जानकी घाट पर हरी काई चारों तरफ छाई हुई है. ऐसा प्रतीत होता है कि जहां पर पानी नहीं खेत है. इसकी स्थिति जल बहाव रोकने के कारण और शहर का गंदा पानी पांच अलग नालों की वजह से बेतवा में मिलने के कारण जिम्मेदार है. इसी जलकुंभी को हटाने के लिए बेतवा उत्थान समिति, बाढ़ वाले भोलेनाथ सेवा समिति, अंगद सेना और अन्य संगठनों के माध्यम से इसकी जलकुंभी हटाने की शुरू प्रारंभ की गई है.
मैली बेतवा का पानी घर-घर होता है सप्लाई
बता दें कि बेतवा नदी का पानी पूरी तरह से दूषित और काला पड़ चुका है. यहां के पानी के पर हरी काई की परत जम चुकी है. इसके बाद भी प्रशासन शायद नींद में नज़र आ रहा है. बेतवा नदी को साफ करने की कोई कोशिश नहीं की गई गया बल्कि गंदा पानी ही लोगों के घरों में सप्लाई किया जा रहा है. इसका नतीजा यह हो रहा है लोगों में गंदे पानी की वजह से उल्टी-दस्त की शिकायतें बढ़ रही है.
मैली होने पर भी लोगों की आस्था नहीं हुई कम
पूरी तरह मैली हो चुकी बेतवा में लोगों की आस्था कम नहीं हुई. लोग अपने मन को पवित्र करने के लिए गंदे पानी में ही आस्था की डुबकी लगा रहे हैं और पवित्र होने की जगह अपवित्र होकर जा रहे हैं. मंदिर के पुजारी बता रहे है बेतवा नदी विदिशा के लिए ही नहीं बल्कि देश के लोगों के लिए बड़ी आस्था का केंद्र हैं. इस बेतवा में भगवान राम के चरणों के निशान आज भी मौजूद हैं. बेतवा नदी में नहाने से पूरी तरह पवित्र हो जाते है पर स्थानीय सरकार की वजह से आज हमारी बेतवा नदी पूरी तरह मैली हो गई. बेतवा नदी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं, हम लोग सभी ने बेतवा में स्नान को लेकर मना करते हैं, बेतवा में नहाने से स्वस्थ व्यक्ति अपने साथ कई बीमारी घर लेकर जाता है.
ये भी पढ़ें :
'MP की गंगा' में गंदगी का अंबार... चुनावों में उठता है सफाई का मुद्दा, लेकिन हर बार वही बुरा हाल
बेतवा नदी में मिल चुके शहर के कई गंदे नाले
सबसे हैरानी की बात तो यह है कि जो बेतवा नदी लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है. इस बेतवा में प्रशासन द्वारा कई गंदे नालों को मिला दिया, आज वो बेतवा नदी में शहर के कई गंदे नाले उतरने से बेतवा नदी का पानी काला पड़ गया है.
सालों से चल रहा अभियान नहीं हो पाया सफल
बेतवा नदी को बचाने का अभियान सालों से चलाया जा रहा है. इसको लेकर शहर के समाजसेवियों की तरफ से कई संगठन भी बनाए गए, लेकिन चंद फोटो सेशन के बाद बेतवा नदी अभियान एक औपचारिकता में सिमट कर रह गया. बेतवा नदी की हालात हर साल और बिगड़ती गई.
ये भी पढ़ें :
मैली हो रही बेतवा... आस्था की डुबकी पड़ेगी भारी, राजनीति तो खूब हुई पर नहीं निभाई किसी ने जिम्मेदारी