Special Constitution in Indore: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) जिले में रहने वाले एडवोकेट लोकेश मंगल "पीतल मैन" नाम से जाने जाते हैं. उन्होंने पीतल धातु से कई प्रकार की चीजें बनाई है और लगातार इस पर काम कर रहे हैं. वर्ष 2024 के अप्रैल माह में उन्होंने पीतल के पन्नों से संविधान (Brass page Constitution) बनाने का संकल्प लिया था और यह अब बनकर तैयार है. हैरानी की बात यह है कि संविधान का यह अनोखा रूप दो हजार पन्नों में बनकर तैयार हुआ है.
इसलिए बनाई ये खास कॉपी
एनडीटीवी से बातचीत में एडवोकेट लोकेश मंगल ने बताया कि माननीय थावरचंद गेहलोत कर्नाटक के राज्यपाल की प्रेरणा से "संविधान से देश" पुस्तक द्वारा संविधान की दो हजार पीतल के पन्नों की किताब बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जन्मस्थली महू से 25 जनवरी 2025 को जारी किया गया. मूल अधिकारों व कर्त्तव्यों के प्रति जागरूक करने के लिए किताब निर्माण कार्य किया गया है.
किताब बनाने का संकल्प कब लिया गया
किताब को बनाने का संकल्प बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को लिया था. किताब का मुख्य पृष्ठ संविधान दिवस 26 नवंबर 2024 को जारी किया गया था. आगे उन्होंने बातचीत में बताया कि यह संभवत: विश्व की सबसे ज्यादा पीतल के पन्नों की किताब है. इस किताब में भारतीय संविधान को हिंदी, संस्कृत और मराठी में छापा गया है. साथ ही, इसमें अमर शहीदों के चित्र, भारतीय रियासतों, लोक सभा और राज्य सभा के प्रक्रिया और कार्य संचालन नियमों को भी सम्मिलित किया गया है.
इन खास चीजों को किया गया शामिल
पीतल की संविधान में विश्व के 193 देशों के प्रतीक चिन्हों को भी छापा गया हैं. ऐसे ही कई चीजों को जोड़कर एक अद्वितीय दस्तावेज तैयार किया गया है. इसके लिए धन केवल भारतीय नागरिकों से सहयोग के रूप में लिया गया है. समस्त राजनैतिक दल, प्रशासन, शासन, अधिवक्तगणों के साथ आम नागरिकों के सहयोग से कार्य किया जाता है.
किन बातों का रखा गया खास ध्यान
किताब में लगे पीतल की शीट 48 गेज की है. लेजर के माध्यम से किताब को प्रिंट किया गया है. लेजर करने के लिए PLT फाईल तैयार की गई. पेज साइज पांच इंच चौड़ा व सात इंच लंबा है. पेज में दो छेद किए गए हैं और सभी पृष्ठों को हाथों से कांटा गया है. लेजर से छपाई में 299 घंटो का समय लगा हैं.
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पीतल से बनाई गई अन्य वस्तु
पूर्व में 193 देशों के संविधानो की 4 फिट की 57 किलो की किताब 2023 में, भारतीय संविधान की 54 पृष्ठ की 32 किलो की किताब 2022 में, यूएनओ का हेडक्वार्टर व भारतीय संविधान सभा गृह भी 2023 में पीतल से बनाया गया था. आखरी में उन्होंने बताया कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी की जयंती 14, अप्रैल 2017 से संविधान से देश पुस्तक द्वारा विश्वभर के 193 देशों के संविधानो का संग्रहण व अध्ययन करने का कार्य किया जा रहा है.
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