Red Sand Boa Snake Smuggling: मध्य प्रदेश के अशोकनगर में पुलिस ने दुर्लभ प्रजाति के सांप की तस्करी करने वाले दो युवकों को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि ये दोनों आरोपी रेड सैंड बोआ (Red Sand Boa Snake) नामक सांप को बेचने की फिराक में थे, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करोड़ों में है. यह सांप अपनी विशेष प्रजाति और काले बाजार में ऊंची मांग के कारण वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित श्रेणी में आता है.
सूचना मिलते ही सक्रिय हुई पुलिस टीम
पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार मिश्रा के निर्देशन में जिले में अवैध गतिविधियों और वन्यजीव तस्करी के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में कोतवाली पुलिस को मुखबिर से जानकारी मिली कि दो व्यक्ति एक दुर्लभ सांप को बेचने के लिए जेबीएस कॉलोनी की ओर जा रहे हैं. सूचना मिलते ही एसपी ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए और थाना प्रभारी रवि प्रताप सिंह चौहान के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की गई.
चेकिंग में पकड़े गए आरोपी
पुलिस टीम ने जेबीएस कॉलोनी में पहुंचकर संदिग्धों की घेराबंदी की. तलाशी के दौरान उनके पास से एक बैग मिला, जिसमें जीवित रेड सैंड बोआ सांप पाया गया. पुलिस ने मौके से दोनों युवकों बाबू आदिवासी (27) और शिवा आदिवासी (20) दोनों निवासी ग्राम टीटौर थाना बहादुरपुर को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही, उनके कब्जे से मोटरसाइकिल भी जब्त की गई.
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
आरोपियों पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 9 और 39 के तहत मामला दर्ज किया गया है. पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे इस सांप को जयपुर (राजस्थान) से लाए थे और बेचने की योजना बना रहे थे. पुलिस ने बरामद सांप को चिकित्सीय परीक्षण के लिए भेज दिया है और आगे की कार्रवाई न्यायालय के आदेशानुसार की जाएगी.
दुर्लभ प्रजाति और कड़ी सजा का प्रावधान
रेड सैंड बोआ एक अत्यंत दुर्लभ प्रजाति का सांप है, जिसे “दोमुंहा सांप” के नाम से भी जाना जाता है. इसके शिकार, खरीद-फरोख्त या कब्जे को अपराध माना गया है. यह प्रजाति पर्यावरण संतुलन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, इसलिए इसका संरक्षण अनिवार्य है.
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पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस सफल कार्रवाई में थाना प्रभारी रवि प्रताप सिंह चौहान, उप निरीक्षक मनीष गुर्जर, आरक्षक गौरव रघुवंशी, दिनेश कुशवाह, अभय प्रताप, पवन वघेल, महेश बघेल, श्रीकांत शुक्ला और थाना देहात के आरक्षक धर्मेंद्र राजावत की अहम भूमिका रही. पुलिस के इस कदम की सराहना पूरे जिले में की जा रही है, जिसने एक बार फिर साबित किया है कि अवैध तस्करी पर पुलिस की पैनी नजर बनी हुई है.
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