
Holi 2025 : मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के रिगोरा गांव में रंगपंचमी एक अलग ही अंदाज में मनाई जाती है. यह परंपरा करीब 200 साल पुरानी है और यहां के लोग इसे बड़े उत्साह के साथ निभाते हैं. इस त्योहार की शुरुआत गांव के सिद्ध बाबा की पूजा से होती है. लोग पहले पूजा-पाठ करते हैं, फिर गुलाल और रंग चढ़ाते हैं. इसके बाद होता है रंगपंचमी का सबसे खास और अनोखा खेल. गांव के मंदिर के सामने एक बहुत ऊंचा पोल खड़ा किया जाता है. इस पोल पर तेल, ऐलोवेरा और अन्य चिकने पदार्थ लगाए जाते हैं ताकि कोई इस पर आसानी से चढ़ न सके. पोल के सबसे ऊपर लाल कपड़े में एक पोटली बांधी जाती है. इस पोटली में 5 किलो गुड़ और 1100 रुपये रखे जाते हैं.
बेहद अनोखा है ये खेल
लोगों को इस पोल पर चढ़कर पोटली तोड़नी होती है. लेकिन मुश्किल ये है कि पोल पर रंग और पानी भी डाला जाता है. जिससे चढ़ना और भी कठिन हो जाता है. लोग बार-बार फिसलते हैं, गिरते हैं, लेकिन फिर कोशिश करते हैं. कई घंटों की मेहनत के बाद जब कोई इस पोल पर चढ़कर पोटली तोड़ता है, तो उसे यह पोटली इनाम में मिलती है. इसमें रखा पैसा तो पोटली तोड़ने वाले को दिया जाता है, लेकिन गुड़ पूरे गांव में बांटा जाता है.
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गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि यह परंपरा उनके दादा-परदादाओं के समय से चली आ रही है. इस खास तरीके से रंगपंचमी मनाने का मकसद है लोगों में आपसी प्रेम, सहयोग और खुशी बांटना. रिगोरा गांव की ये परंपरा देखने के लिए आसपास के गांवों से भी लोग आते हैं और इस अनोखे आयोजन का आनंद लेते हैं.
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