Political Sparks On JP Nadda Statement: कांग्रेस नेता और पूर्व छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने 2013 के झीरम घाटी नक्सली हमले में मारे गए कांग्रेसी नेताओं को लेकर बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ताजा बयान को लेकर गहरी नाराजगी जताई है. उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा को आड़ों हाथ लेते हुए कहा कि उन्होंने अपने बयान से नक्सल हमले में जान गंवाने वाले 32 कांग्रेसी नेताओं की शहादत का अपमान किया है.
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भाजपा के 'पर्ची' राष्ट्रीय अध्यक्ष ने शहीदों का अपमान किया
जेपी नड्डा के बयान से खार खाए पूर्व सीएम बघेल ने 'एक्स' पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने लिखा, 'आज फिर एक बार छत्तीसगढ़ आकर भाजपा के 'पर्ची' राष्ट्रीय अध्यक्ष ने झीरम की घटना में अपनी जान गंवाने वाले शहीदों का अपमान किया है. सबसे पहले तो NIA समेत सुरक्षा एजेंसियों को उनसे पूछताछ कर उनके दावों के सबूत मांगने चाहिए.
झूठ का 'अड्डा'
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) December 22, 2025
जे पी 'नड्डा'
आज फिर एक बार छत्तीसगढ़ आकर भाजपा के 'पर्ची' राष्ट्रीय अध्यक्ष ने झीरम की घटना में अपनी जान गँवाने वाले शहीदों का अपमान किया है.
सबसे पहले तो एनआईए सहित सुरक्षा एजेंसियों को जे पी नड्डा जी से पूछताछ कर उनके दावों के सबूत मांगने चाहिए.
जे. पी नड्डा…
आप क्यों नहीं षड्यंत्रकारियों का पता चलने देना चाहते थे?
बघेल ने आगे लिखा है, ‘आपको बताना चाहिए कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के समय जब हम चाहते थे कि नक्सली हमले के पीछे षड्यंत्रकारी कौन है, उसका पता लगे, तब आप अदालतों में याचिका लगवाकर जांच को क्यों रोक रहे थे? आप क्यों नहीं षड्यंत्रकारियों का पता चलने देना चाहते थे?
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नड्डा ने साय सरकार के दो साल पूरे होने पर दिया था बयान
गौरतलब है विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली वर्तमान भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने पर सोमवार को बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जांजगीर-चांपा जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के अंदरूनी लोग ही झीरम घाटी नक्सली हमले को अंजाम देने में शामिल थे, जिसके कारण कांग्रेस नेताओं की हत्या हुई.
'नक्सलवाद उन्मूलन का रास्ता कांग्रेस ने ही तैयार किया है'
बकौल भूपेश बघेल, आप बताइए कि अब झीरम के कथित हमलावर हिरासत में हैं तो उनसे षड्यंत्र के बारे में पूछताछ होगी? आप नक्सलियों से लड़िए, यह हम सब चाहते हैं. आज जिस रास्ते पर चलकर नक्सलवाद सिकुड़ रहा है, वह रास्ता कांग्रेस की सरकार ने ही तैयार किया है, लेकिन आप उसे दरकिनार क्यों करना चाहते हैं?'
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‘परिवर्तन रैली' में नक्सली हमले में मारे गए थे 32 कांग्रेसी नेता
उल्लेखनीय है गत 25 मई, 2013 को बस्तर जिले की झीरम घाटी में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी की ‘परिवर्तन रैली' के दौरान नक्सलियों द्वारा नेताओं के काफिले पर हमला किया गया था, जिसमें तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 32 लोग मारे गए थे.
हादसे की जांच के लिए भाजपा ने गठित हुआ था न्यायिक आयोग
घटना के बाद दर्ज प्राथमिकी के बाद एनआईए ने जांच अपने हाथ में ले ली थी. एजेंसी ने सितंबर 2014 में जगदलपुर में एनआईए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था और डा.रमन सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन भाजपा सरकार ने एक न्यायिक आयोग का गठन किया था और आयोग ने नवंबर, 2021 में अपनी रिपोर्ट राज्य के राज्यपाल को सौंपा था.
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कांग्रेस सरकार ने गठित न्यायिक आयोग का पुनर्गठन किया
तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उसी न्यायिक आयोग का बाद में पुनर्गठन किया और उसका कार्यकाल बढ़ा दिया. बाद में 2022 में, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने भाजपा के वरिष्ठ नेता धरमलाल कौशिक की याचिका पर तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा पुनर्गठित आयोग की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.
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