
Madhya Pradesh Patwari Bharti: मध्य प्रदेश के बहुचर्चित पटवारी भर्ती परीक्षा (Patwari Bharti Recruitment) के रिजल्ट को लेकर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. हाल ही में सरकार ने पटवारी भर्ती परीक्षा को जांच में क्लीन चिट दे दी, जिसके बाद रिज़ल्ट जारी हुए और नियुक्तियों के लिए काउंसलिंग भी शुरू की जा चुकी है. लेकिन, कई अभ्यर्थी इससे संतुष्ट नहीं हैं और पटवारी भर्ती में हुई धांधली का आरोप लगाते हुए इसकी जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने और भर्ती को रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
इसी कड़ी में मंगलवार को राजधानी भोपाल में नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन ने पटवारी भर्ती में घोटाले का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू किया. प्रदर्शन में अलग-अलग जिलों से आए कई अभ्यर्थी शामिल हुए. बड़ी संख्या में युवक और युवतियां भोपाल के ज्योति टॉकीज के सामने जमा हुए और जमकर नारेबाजी की. इसके बाद से पैदल मार्च करते हुए युवा ज्ञापन सौंपने के लिए जाएंगे. वहीं दूसरी तरफ भोपाल पुलिस ने बिना अनुमति के धरना-प्रदर्शन करने को लेकर अभ्यर्थियों को धरना स्थल से हटाया. इसके साथ ही कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया है.
पटवारी भर्ती को लेकर राजधानी भोपाल में फिर हुआ धरना-प्रदर्शन, पुलिस ने अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) February 28, 2024
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अभ्यर्थियों की क्या हैं मांगें?
अभ्यर्थियों की मांग है कि पूरे मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की निगरानी में एक एसआईटी गठित हो और दोबारा से जांच कराई जाए. इसके साथ ही जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग भी अभ्यर्थी कर रहे हैं. कई अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि यूपी पुलिस की परीक्षा जिस तरह से दोबारा हो रही है, उसी तर्ज पर मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा भी दोबारा से होनी चाहिए. अभ्यर्थियों ने कहा कि वे कई साल परीक्षाओं की तैयारी करते हैं लेकिन इस तरह की बात सामने आती है जिससे उनके और उनके परिवार का मनोबल टूटता है.
कमलनाथ ने बीजेपी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
वहीं इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मोहन सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश का नौजवान बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और सरकारी उदासीनता की तिहरी मार से परेशान है. लेकिन, दुर्भाग्य की बात है कि भाजपा सरकार ने युवाओं को नौकरी न देने का मन बना लिया है और प्रदेश को भ्रष्टाचार के रास्ते पर धकेल दिया है.
मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी की भर्तियों में हो रहे भ्रष्टाचार और बहुत से सरकारी पदों पर भरती ना होने के खिलाफ प्रदेश के नौजवान आज भोपाल में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इन युवकों की मांग है कि पटवारी भर्ती परीक्षा को दी गई क्लीन चिट सही नहीं है और गलत तरीके से पास हुए लोगों पर… pic.twitter.com/fw4ueICMIu
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) February 28, 2024
10 महीने चली पटवारी भर्ती की जांच
आपको बता दें कि नवंबर 2022 को कर्मचारी चयन मंडल ने ग्रुप-2 सब ग्रुप-4 और पटवारी की संयुक्त भर्ती परीक्षा के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था. प्रदेश के करीब 13 लाख अभ्यर्थियों ने यह परीक्षा दी. जून 2023 को इसके परिणाम भी जारी हुए. जिसमें करीब 8,600 अभ्यर्थियों का चयन हुआ, लेकिन इस बीच पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगा. इसे लेकर काफी बवाल हुआ और तत्कालीन शिवराज सरकार ने इसकी जांच के आदेश दे दिए थे. इसके लिए एक कमेटी गठित की गई. यह जांच कमेटी इस पूरे मामले की जांच कर रही थी. जिसके बाद करीब 10 महीने तक पटवारी भर्ती प्रक्रिया की जांच की गई. बीते 15 फ़रवरी को जल्द भर्ती शुरू करने की बात कही गई, जिसके बाद 24 फरवरी से रिजल्ट को लेकर काउंसलिंग भी शुरू की गई.
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