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This Article is From Jan 18, 2024

प्राण प्रतिष्ठा समारोह: दिग्विजय सिंह ने कहा- मंदिर पूरा होने के बाद अयोध्या में करुंगा भगवान राम का दर्शन

Ram Mandir Ayodhya: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि “विवाद का मूल यह था कि मंदिर वहीं बनाया जाना चाहिए जहां भगवान राम का जन्म हुआ था और जहां मस्जिद थी. जब उच्चतम न्यायालय ने फैसला दे दिया है कि विवादित जमीन पर मंदिर बनाया जा सकता है तो वहां क्यों नहीं बनाया गया.''

प्राण प्रतिष्ठा समारोह: दिग्विजय सिंह ने कहा- मंदिर पूरा होने के बाद अयोध्या में करुंगा भगवान राम का दर्शन
सतना:

Ram Mandir Ayodhya Inauguration: कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ram Mandir Ayodhya) में मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद वह भगवान राम के दर्शन के लिए वहां जाएंगे. अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (Shri Ram Janmbhoomi Mandir Prana Pratishtha Ayodhya) समारोह में शामिल होने के लिए उनकी पार्टी द्वारा निमंत्रण को अस्वीकार करने के कुछ दिनों बाद उन्होंने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में ऐसा कहा. कांग्रेस ने भाजपा-आरएसएस (BJP-RSS) पर चुनावी लाभ के लिए इस कार्यक्रम को 'राजनीतिक परियोजना' बनाने का आरोप लगाया है.

दिग्विजय सिंह ने क्या कहा?

राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा, 'हमें भगवान राम में आस्था है...हमें भगवान राम के दर्शन की कोई जल्दी नहीं है. एक बार (अयोध्या मंदिर का) निर्माण पूरा हो जाए तो फिर हम वहां जाएंगे.' उन्होंने कहा, “सबसे पहले, हमें भगवान राम के दर्शन के लिए निमंत्रण की आवश्यकता नहीं है. दूसरा, हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, किसी निर्माणाधीन मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह नहीं हो सकता.''

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया, 'तीसरा, भाजपा, विश्व हिंदू परिषद (VHP), आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने इसे एक इवेंट में बदल दिया है...किसी भी राजनीतिक दल का नाम बताइए जो इसमें भाग ले रहा है? कोई नहीं जा रहा है. कोई शंकराचार्य वहां नहीं जा रहे हैं...कोई संत नहीं जा रहा है. उन्होंने निर्मोही अखाड़े के अधिकार छीन लिए हैं.''

विवादित जमीन पर मंदिर क्यों नहीं बनाया?

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि राम मंदिर और बाबरी मस्जिद की जगह को लेकर सालों तक विवाद चलता रहा, यह 150 साल पुराना विवाद है.

उन्होंने कहा, “विवाद का मूल यह था कि मंदिर वहीं बनाया जाना चाहिए जहां भगवान राम का जन्म हुआ था और जहां मस्जिद थी. जब उच्चतम न्यायालय ने फैसला दे दिया है कि विवादित जमीन पर मंदिर बनाया जा सकता है तो वहां क्यों नहीं बनाया गया.''

दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह मंदिर उस भूमि पर बनाया गया है जिसे पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव ने अधिग्रहित किया था और राम मंदिर निर्माण के लिए आवंटित किया था.

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