
Dhar fertilizer farmers: फसल की बुवाई का समय है और ऐसे समय में किसानों को खाद की जरुरत सबसे ज्यादा है लेकिन मध्यप्रदेश के कुछ इलाकों में यूरिया का संकट गहरा रहा है. इसी क्रम में रीवा जिले के करहिया मंडी से मंगलवार को दिलचस्प मामला सामने आया. यहां यूरिया के लिए लाइन में लगे किसानों को पहले तो पुलिस प्रशासन ने चाय-बिस्किट दिया और फिर रात में उन पर लाठी भांजी. टोकन के इंतजार में खड़े किसानों में इसको लेकर काफी रोष है. हालांकि प्रशासन का कहना है कि कोई लाठीचार्ज नहीं किया गया है. बल्कि कुछ किसानों ने तहसीलदार, नायब तहसीलदार और खाद वितरण कर रहे अधिकारियों को कमरे में बंद कर दिया था जिसके बाद हल्का बल प्रयोग किया गया है. प्रशासन के मुताबिक कहीं कोई विवाद नहीं है. क्या है पूरा मामला पढ़िए इस रिपोर्ट में
मध्य प्रदेश: रीवा में किसानों को पहले पुलिस ने चाय-बिस्किट दी फिर जमकर लाठी भी भांजी#MadhyaPradesh pic.twitter.com/nl6QYaj6Gg
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) September 3, 2025
वीडियो में दिखा लाठीचार्ज
मौके से सामने आए वीडियो में आप देख सकते हैं कि किसानों का भारी हुजूम यूरिया के लिए खाद वितरण कार्यालय के बाहर जुटा है. इस भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए वहां पुलिस प्रशासन भी मौजूद है. टोकन सिस्टम के तहत किसानों को खाद का वितरण किया भी जा रहा था लेकिन भीड़ कम नहीं हो रही थी. इसी दौरान पुलिस प्रशासन और दूसरी संस्थाओं ने अपनी बारी का इंतजार कर रहे किसानों के बीच चाय-बिस्किट का वितरण कराया. खुद कई पुलिस अधिकारियों ने किसानों को चाय-बिस्किट दिया लेकिन रात होते-होते हालात बदल गए. आरोप है कि किसानों ने बदइंतजामी का आरोप लगाते हुए तहसीलदार नायब तहसीलदार और मार्कफेड के अधिकारियों को कमरे में बंद कर दिया. इसी के बाद पुलिस को एक्शन लेना पड़ा और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठियां भांजी.
प्रशासन ने कहा- किसान धैर्य बनाए रखें
दूसरी तरफ रीवा प्रशासन ने कहा कि करहिया मंडी रीवा में एसडीएम हुजूर वैशाली जैन तहसीलदार यतीश शुक्ला, तहसीलदार शिव शंकर और जिला प्रबंधक मार्कफेड शिखा वर्मा द्वारा खाद का वितरण कराया गया है. किसी तरह का लाठीचार्ज नहीं किया गया है. प्रशासन का दावा है कि यूरिया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और सभी किसानों को इसका वितरण भी किया जाएगा लेकिन उन्हें धैर्य बनाए रखना है. हालांकि किसानों का कहना है कि वे काफी दूर-दूर से खाद लेने के लिए यहां आए हुए हैं. दो-दो दिनों का इंतजार करने बाद भी कई बार परेशानियां आती है. प्रशासन को स्थिति में सुधार करने की जरुरत है.
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