
Robbery in Khandwa: ज़रा सोचिए…अगर कोई शख्स आपसे कहे कि 50 लाख का सोना सिर्फ 20 लाख में मिलेगा, तो आप क्या करेंगे? दिमाग कहेगा—यह तो साफ-साफ धोखा है. लेकिन दिल और लालच कभी-कभी दिमाग पर भारी पड़ जाते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ रायपुर, छत्तीसगढ़ के उन लोगों के साथ, जो चमचमाते सोने का सपना देख कर खंडवा तक पहुंच गए.
यूं फंसाया लुटेरों ने अपने जाल में
खंडवा जिले के हरसूद में रविवार को हुई फिल्मी अंदाज़ की इस लूट का पर्दाफाश हो गया है. मामला 17 लाख 50 हजार रुपए के नकद से जुड़ा है, जिसमें पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.कैसे क्या हुआ, पूरा मामला क्या है वो समझिए. कहानी की शुरुआत होती है छत्तीसगढ़ के रायपुर से जहां कुछ लोगों को आरोपियों ने झांसा दिया कि उनके पास गड़ा हुआ सोना है. भरोसा दिलाने के लिए उन्हें कुछ असली सोने के टुकड़े भी दिखाए गए और फिर बड़ी बात कही गई— “करीब 50 लाख का सोना है, लेकिन हम इसे आपको सिर्फ 20 लाख में देंगे”. पहली नज़र में पीड़ितों को लगा कि यह तो ज़िंदगी का सबसे बड़ा सौदा है. लेकिन वो भूल गए कि अक्सर ऐसे लालच ही आपको सीधा मुसीबत के मुंह में धकेल देते हैं.
बड़ा ऑफर सुना और फंस गए जाल में
इतना बड़ा ऑफर सुनकर लालच तो आना ही था. सोने का चमकता सपना आंखों में बसाकर यह लोग लगभग 18 लाख रुपए नकद लेकर सौदा पक्का करने निकल पड़े और खंडवा पहुंचे. पीड़ितों के मुताबिक डील के लिए आरोपियों ने इन्हें खंडवा के एक जंगल में बुलाया था, जहां गड़ा हुआ सोना मौजूद होने की बात कही गई थी. वहां एक डिब्बा खोला गया, जिसमें कुछ पुराने सिक्के रखे थे. माहौल ऐसा बनाया गया जैसे कोई गुप्त खज़ाना सौंपा जा रहा हो. खजाना देखते ही पीड़ितों के आंखों में चमक आ गई. आरोपियों ने कहा “पैसे दो और सोना ले जाओ”.
खंडवा पहुंचे तो हो गया हमला
लेकिन यहीं पर वो खेल शुरु हुआ जिसका पीड़ितों को बिलकुल भी अंदाजा नहीं था. उन्होंने जैसे ही नकद रुपए आरोपियों को सौंपे अचानक पीछे से तलवार और कुल्हाड़ी लिए उनके और साथी आ धमके और पलक झपकते ही हमला कर दिया. सारी नकदी लगभग 17 लाख 50 हजार रुपये छीन लिए.
सख़्ती से पूछताछ हुई तो सच बाहर आ गया और पूरा राज़ खुल गया. इसके बाद पुलिस ने लुटेरी गैंग के दो और साथियों को भी दबोच लिया. चारों आरोपियों ने जुर्म भी कबूल कर लिया. पुलिस ने इनके पास से 14 लाख रुपए कैश और मोबाइल बरामद किया है. खंडवा SP मनोज कुमार राय ने बताया कि आरोपियों को रिमांड पर लिया गया है और उनसे बाकी रकम और वारदात की कड़ियों पर पूछताछ जारी है. यह मामला सिर्फ एक लूट की नहीं, बल्कि चेतावनी भी है. अक्सर ठग लोगों की वही कमजोरी भुनाते हैं—लालच. सस्ती कीमत में सोना, गड़ा हुआ खज़ाना या डिजिटल अरेस्ट, ये सब कहानियां नई नहीं हैं. फर्क बस इतना है कि शिकार बनने वाले हमेशा नए मिल जाते हैं.
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