Chhattisgarh : सूरजपुर जिला अस्पताल एक बार फिर चर्चा में है लेकिन इस बार वजह एक गंभीर मामला है. कौशलपुर के रहने वाले मोतीलाल को गंभीर इंफेक्शन था. मोतीलाल का परिवार उन्हें पहले रामानुजनगर अस्पताल लेकर गया लेकिन वहां से डॉक्टरों ने जिला अस्पताल भेज दिया. लेकिन परिजन जो सोच कर जिला अस्पताल आए थे वो नहीं हुआ. न इलाज मिला, उल्टा मोतीलाल की मौत हो गई. लेकिन इस मौत के पीछे डॉक्टरों की लापरवाही भी सामने आई है. बताया जा रहा है कि डॉक्टरों ने 6 दिनों तक मोतीलाल की कोई खोज-खबर नहीं ली, न ही उनका हाल जाना, इससे मोतीलाल को समय पर उपचार नहीं मिला और उन्होंने दम तोड़ दिया. जैसे ही ये खबर परिजनों को लगी तो टूट गए. परिजन अस्पताल में ही फूट-फूट कर रोने-बिलखने लगे.
6 दिनों तक डॉक्टरों ने नहीं ली खबर
मोतीलाल को पिछले शनिवार को अस्पताल के मेल वार्ड में एडमिट किया गया. उन्हें पूरे शरीर में गंभीर इंफेक्शन था. उनके परिजनों का कहना है कि अस्पताल में भर्ती होने के बाद किसी भी डॉक्टर ने उन्हें देखने की जरूरत नहीं समझी. छह दिनों तक कोई डॉक्टर उनके पास नहीं आया. मरीज की हालत धीरे-धीरे बिगड़ती रही.
मरीज ने खाना भी छोड़ दिया था
पिछले दो दिनों से मोतीलाल की तबीयत इतनी खराब हो गई थी कि वे खाना भी नहीं खा पा रहे थे. परिजनों ने कई बार डॉक्टरों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. अंततः NDTV की दखल के बाद बीती रात करीब 10 बजे एक डॉक्टर मरीज को देखने पहुंचे. हालांकि, तब तक काफी देर हो चुकी थी.
ये भी पढ़ें :
• स्पा सेंटर की आड़ में सेक्स रैकेट ! छापे में जो सामान मिला उसे देख पुलिस भी चौंक गई
• बॉस ने किया रेप तो लड़की ने ऑफिस में की खुदकुशी... WhatsApp ने खोले राज
• साड़ी का पल्लू कसकर महिला के साथ हैवानियत ! बदले के लिए शख्स ने पार की हदें
मौत से गमजदा परिजनों का आरोप
आज सुबह मोतीलाल का निधन हो गया. इस घटना से परिजन बेहद आहत हैं. उनका कहना है कि अगर समय पर इलाज मिला होता, तो मोतीलाल को बचाया जा सकता था. परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है और कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
मौत के बाद क्या बोले स्टाफ ?
दूसरी ओर, जिला अस्पताल प्रबंधन ने पूरे मामले की जांच का भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा है कि दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं है जब सूरजपुर जिला अस्पताल लापरवाही के चलते सुर्खियों में आया हो. यहां पहले भी ऐसा होता आया है. इससे पहले तो डॉक्टरों के नशे में होने और मारपीट जैसी घटनाएं चर्चा में रही हैं.