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This Article is From Apr 01, 2025

MP में सिकल सेल को हराने में मदद करेगा पतंजलि! राज्यपाल ने आचार्य बालकृष्ण से की इस बीमारी पर चर्चा

Sickle Cell Anemia: राज्यपाल ने कहा कि हम सबकी जिम्मेदारी है कि हमारे परिवार, आस-पास और समुदाय में रोग उन्मूलन के लिए जनजागृति हो. इसके लिए जरुरी है कि रोग के जेनेटिक काउंसलिंग में समाज का हर व्यक्ति सहयोग करे. सिकल सेल रोग के उन्मूलन प्रयासों में योगदान करें.

MP में सिकल सेल को हराने में मदद करेगा पतंजलि! राज्यपाल ने आचार्य बालकृष्ण से की इस बीमारी पर चर्चा
Sickle Cell Anemia in MP: आयुर्वेद से होगा सिकल सेल का इलाज!

Sickle Cell Anemia in MP: मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Mangubhai Patel) ने आयुर्वेद में सिकल सेल उपचार अनुसंधान प्रयासों में पतंजलि (Patanjali) योगपीठ ट्रस्ट से सहयोग की अपेक्षा की है. राज्यपाल द्वारा पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के संस्थापक सचिव आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) से महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन के दीक्षांत समारोह में चर्चा के दौरान इस विषय पर विचार विमर्श किया गया. राज्यपाल ने आचार्य बालकृष्ण को राष्ट्रीय सिकल सेल मिशन के तहत किए जा रहे उपचार और पुनर्वास  प्रयासों के बारे में भी बताया.

देश का तीसरा राज्य, जहां सबसे ज्यादा इसके मरीज

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने समाज में प्रत्येक व्यक्ति सिकल सेल उन्मूलन मे योगदान की अपील की है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए समाज के हर वर्ग का सहयोग आवश्यक है. मध्यप्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बाद देश का तीसरा ऐसा राज्य है जहाँ सिकल सेल एनीमिया के सर्वाधिक प्रभावित मरीज़ हैं.

राज्यपाल ने कुछ दिनों पहले 42 साल पहले की पीड़ा और करुणा की कहानी सुनायी थी. उन्होंने बताया था कि जब वे गुजरात में कॉरपोरेटर थे, तब उन्होंने पहली बार सिकलसेल एनीमिया की त्रासदी को देखा था. पड़ोस के सिकल सेल एनीमिया से प्रभावित एक बच्चे को वे बम्बई में डॉ. ढोलकिया के पास में इलाज के लिए ले गए थे, किन्तु उस बच्चे को बचाया नहीं जा सका था. इसी तरह उन्होंने मार्मिक ढंग से बताया कि किस तरह पड़ोस की छोटी बच्ची जो उनके गोद में खेला करती थी, इसी बीमारी की वजह से महज़ 4 दिनों में उसकी मृत्यु हो गई.

राज्यपाल ने बताया कि नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होने राज्य सरकार के मंथन शिविर में सिकल सेल का मुद्दा रखा गया और तब से वे इस कार्य में लगे हुए हैं. राज्यपाल ने कहा कि जिस तरह भगवान राम के लंका जाने के दौरान राम सेतु निर्माण में गिलहरी ने भी अपनी भूमिका निभायी थी, उसी तरह समाज के प्रत्येक व्यक्ति को सिकलसेल एनीमिया के उन्मूलन में अपना योगदान देना चाहिए.

यह भी जरुरी है कि जेनेटिक कार्ड के मिलान के बाद ही विवाह करें, हर गर्भवती महिला, शिशु के स्वास्थ्य जांच के प्रति सोशल कॉन्शसनेस हो. समाज का समृद्ध वर्ग रोग उपचार और अनुसंधान प्रयासों में मदद के लिए आगे आए. जरुरतमंदों रोगियों को सामाजिक और भावनात्मक समर्थन प्रदान करें. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम सिकल सेल रोग को जड़ से मिटाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.

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