हीरे के शहर में फिर से एक शख्स की किस्मत चमकी है. हाल ही में रविवार को दो गरीब दोस्तों को एक बेशकीमती हीरा मिला, जिसकी कीमत लगभग 50 लाख रुपये आंकी गई थी. अब बुधवार को भी खजुराओ के एक लकवाग्रस्त किसान को हीरा मिला है, जो 3.39 कैरेट का है. यह जेम्स क्वालिटी यानी उच्च गुणवत्ता का है.
बता दें कि पन्ना वह शहर है, जिसे भारत में हीरों का शहर कहा जाता है. यहां खदानों में हीरे अक्सर मिलते रहते हैं. यह शहर ऐसा है, जो किसी की भी किस्मत चमका सकता है. कभी-कभी यहां किस्मत आपसे मेहनत के साथ सब्र और लगन भी मांगती है.
लकवाग्रस्त होने के बाद छोड़ दी थी खेती
छतरपुर जिले के खजुराहो के रहने वाले राजेन्द्र सिंह बुंदेला की भी किस्मत ऐसे ही चमक गई. वह खेती-किसानी करते थे. डेढ़ वर्ष पहले वह लकवाग्रस्त हो गए और खेती छोड़ दी. जब ठीक हो गए तो खेती के बजाय वह पन्ना आ गए, जहां उन्होंने हीरा कार्यालय से पट्टा बनवाकर खदान लगाई. इस दौरान मेहनत और आस्था का फल कृष्णा कल्याणपुर पटी की उथली खदान में चमचमाते हुए 3.39 कैरेट के जैम्स क्वालिटी हीरे के रूप में मिला.
इस हीरे की कीमत 10 लाख रुपये आंकी जा रही है. किसान बुंदेला इसे अपने ईष्ट भगवान जुगल किशोर जु की कृपा मानते हैं.
हीरा बेचकर फिर लेंगे खदान
उनका सपना है कि नीलामी से मिलने वाली पूरी राशि को वह फिर से हीरे की खोज में लगाएंगे, ताकि हीरा कार्यालय में लगी बड़े हीरों की सूची में उनका नाम सबसे ऊपर दर्ज हो सके. यह उनके लिए महज शुरुआत है. बुंदेला का यह विश्वास और जिद उन्हें सफलता की नई राह पर ले जा रही है. उन्होंने दोपहर करीब ढाई बजे इस हीरे को हीरा कार्यालय में जमा करा दिया.
'एक तरह का जुआ'
पन्ना में बहुत लोग अपनी किस्मत आजमाने के लिए हीरा कार्यालय से खदान का पट्टा हासिल लीज पर लेते हैं. फिर वह खदान का काम शुरू कर देते हैं. कई लोगों की इससे किस्मत चमक जाती है, लेकिन कई लोगों को मायूसी हाथ लगती है.
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ऐसे होता है हीरे ढूंढने का काम
- कोई भी पन्ना खदान क्षेत्र में खनन का पट्टा हासिल करता है. 200 रुपये का चालान भरा जाता है. 8 बाई 8 मीटर क्षेत्र का पट्टा जारी होता है.
- हीरा मिलने पर वो आवेदन के साथ हीरा डायमंड ऑफिस में जमा करा देता है.
- निजी भूमि पर भी खनन के लिए उस जमीन के मालिक से भी मंजूरी लेनी होती है.
- ठेकेदार स्वयं या मजदूरों के जरिये हीरे की खोज के काम में जुटता है.
- फिर मिट्टी को बाहर फेंकने के साथ पथरीली मिट्टी को पानी से धोकर अलग किया जाता है.
- उसे छानने के बाद हीरा मिलने की संभावना रहती है, जिसे डायमंड ऑफिस में जमा कराना पड़ता है.
- 12 फीसदी टैक्स काटकर बाकी का पैसा हीरा खोजने वाले को दिया जाता है.
तीन तरह के हीरे
- पहले जेम्स कैटेगरी की हीरा सफेद होता है और एक कैरेट हीरे की कीमत 8 लाख रुपये औसतन होती है.
- पन्ना जिले में ऐसे हीरे की नीलामी 4 लाख प्रति कैरेट तक जाती है, लेकिन ये पूरी तरह शुद्ध नहीं होता.
- भूरे रंग का और मिट्टी के रंग का भी हीरा होता है, लेकिन उसकी कीमत कम होती है.