Pakistani Hindu Couple Dispute: मध्य प्रदेश के इंदौर से शुरू हुआ पाकिस्तानी दंपति विवाद अब हाईकोर्ट में पहुंच गया है. दरअसल, पाकिस्तान के एक हिंदू दंपति का विवाद, जो लंबे समय से दो देशों में अलग-अलग रह रहे हैं, अब सुलझने के बजाय और उलझ गया है. महिला ने अपने पति पर गंभीर आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट से सुरक्षा और न्याय की गुहार लगाई है.
यह मामला पाकिस्तान के सिंध प्रांत में 2020 में हुई एक शादी से जुड़ा है. शादी के बाद पति-पत्नी अलग-अलग देशों में रहने लगे और रिश्ते में खटास बढ़ती गई. आखिरकार समझौता न होने पर महिला निकिता देवी ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ का दरवाज़ा खटखटाया.
पत्नी की याचिका- पति पर लगाए गंभीर आरोप
28 वर्षीय निकिता देवी ने रिट याचिका दायर कर दावा किया है कि उनके पति विक्रम कुमार नागदेव बिना तलाक लिए भारत में किसी अन्य महिला से शादी करने की तैयारी कर रहे हैं. निकिता ने कोर्ट से मांग की है कि उन्हें पाकिस्तान वापस भेजा जाए और पति को दूसरी शादी करने से रोका जाए. उनके वकील दिनेश रावत के अनुसार, याचिका पर अगला सप्ताह सुनवाई हो सकती है.
याचिका में क्या मांगा गया?
निकिता ने हाईकोर्ट से कहा है कि उनका पति कानूनी जटिलताओं का फायदा उठाकर भारत में रह रहा है और दूसरी शादी करने की योजना बना रहा है. इसलिए उसे भारत में अवैध तरीके से शादी करने से रोका जाए. इसके साथ ही उसने पति को पाकिस्तान वापस भेजने की मांग की है ताकि मामला अपने देश में सुलझ सके.
पति विक्रम नागदेव का पक्ष आया सामने
इस मामले में आरोपी पति विक्रम कुमार नागदेव ने पत्नी के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि शादी के बाद वे भारत आए थे, लेकिन निकिता अपनी मर्जी से पाकिस्तान वापस चली गई. विक्रम का कहना है कि उन्होंने पंचायतों के माध्यम से सुलह करने की कोशिश की, लेकिन पत्नी तैयार नहीं हुई. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पत्नी पैसे ऐंठने के बहाने विवाद को लंबा खींच रही है.
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मानसिक रूप से परेशान किया– पति
विक्रम का कहना है कि वह भारत में लंबी अवधि के वीजा (LTV) पर रह रहे हैं और सभी भारतीय कानूनों का पालन कर रहे हैं. उनका आरोप है कि पत्नी ने गलत आरोप लगाकर उन्हें बदनाम किया है, इसलिए अब वह तलाक चाहते हैं.
सिंधी पंच मध्यस्थता केंद्र में नहीं हुआ समझौता
हाईकोर्ट पहुंचने से पहले यह विवाद इंदौर के सिंधी पंच मध्यस्थता एवं विधिक परामर्श केंद्र में गया था. लेकिन कई बैठकों के बावजूद समझौता नहीं हो सका. केंद्र प्रमुख किशोर कोडवानी ने जिला प्रशासन को रिपोर्ट भेजकर सुझाव दिया कि चूंकि दोनों पाकिस्तानी नागरिक हैं, इसलिए विवाद पाकिस्तान में सुलझना चाहिए और पति को भी वहीं भेजा जाए.
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इंदौर में पाकिस्तानी शरणार्थियों की बड़ी आबादी
इंदौर में बड़ी संख्या में सिंधी हिंदू समुदाय के लोग LTV या रेजिडेंशियल परमिट पर रहते हैं, जो पाकिस्तान से प्रताड़ना के कारण भारत आए थे. इनमें से कई को बाद में भारतीय नागरिकता भी मिल चुकी है.