
Padma Shri Ramsahay Pandey Passed Away: पद्मश्री रामसहाय पांडे (Ramsahay Pandey) का निधन हो गया. सामाजिक बेड़ियों को तोड़ते हुए बुंदेलखंड के लोकप्रिय राई लोक नृत्य को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने में इनका योगदान अतुलनीय था. 2022 में 94 वर्ष की उम्र में इनको पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. ये बुंदेलखंड इलाके के लोक कलाकार थे. इन्होंने कई देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. बुंदलेखंडी लोक नृत्य नाट्य कला परिषद के संस्थापक रहे रामसहाय पांडे कुछ समय से लगातार बीमार चल रहे थे. उन्हें शहर के निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था,जहां उनका इलाज चल रहा था.
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर महाकवि पद्माकर सभागार, सागर में आयोजित कार्यक्रम में पद्मश्री से सम्मानित श्री रामसहाय पांडे और उनकी टीम द्वारा राई नृत्य की प्रस्तुति...#मध्यप्रदेश_स्थापना_दिवस #मेरा_मध्यप्रदेश @minculturemp pic.twitter.com/9L9xKPdP04
— PRO JS Sagar (@projssagar) November 1, 2022
कैसा रहा इनका जीवन?
इनके माता-पिता का निधन बहुत कम उम्र में ही हो गया था. बचपन बहुत गरीबी में बीता, इसके बाद भी उन्होंने राई नृत्य सीखा और उसे देश-विदेश में लोकप्रिय बनाया. रामसहाय पांडे का जन्म 11 मार्च 1933 को सागर जिले के ग्राम मडधार पठा में हुआ था. एक बार रामसहाय पांडे एक मेले में पहुंचे. वहां उन्होंने राई नृत्य देखा. इसके बाद उन्होंने सोच लिया कि वह भी राई करेंगे. देलखंड के सामाजिक नजरिए से राई नृत्य ब्राह्राण परिवारों के लिए अच्छा नहीं माना जाता था.लेकिन रामसहाय पांडे अपनी जिद पर अड़े रहे.
बुंदेलखंड के गौरव, लोकनृत्य राई को वैश्विक पहचान दिलाने वाले लोक कलाकार पद्मश्री श्री रामसहाय पांडे जी का निधन मध्यप्रदेश और कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है।
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) April 8, 2025
लोक कला एवं संस्कृति को समर्पित आपका सम्पूर्ण जीवन हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा। परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि… pic.twitter.com/rzu9Lg1blL
1980 में मध्य प्रदेश शासन द्वारा स्थापित आदिवासी लोककला परिषद सदस्य चुने गए. 1980 में ही सरकार के पंचायत सेवा विभाग द्वारा रायगढ़ में शासन द्वारा नित्य शिरोमणि की उपाधि से सम्मानित किया गया था. 1984 में ही जापान कान के आमंत्रण पर एक माह के लिए जापान गए थे. 2000 में बुंदेली लोक नृत्य व नाट्य कला परिषद् के नाम से एक संस्था की स्थापना की थी. 2006 में दुबई में राई नृत्य की प्रस्तुति दी थी.
क्या है राई डांस?
राई नृत्य बुंदेलखंड अंचल का एक प्रसिद्ध नृत्य है. यह पूरे साल चलता है. राई नृत्य मे बेड़नियां नाचती हैं और पुरुष मृदंग बजाते हैं. इस नृत्य में पांगे गाई जाती है. मृदंग की थाप पर घुंघरुओं की झंकारती राई और उसके साथ नृत्यरत स्वांग लोगों का जमकर मनोरंजन करते हैं.
छोटे कद के पांडे जब कमर में मृदंग बांध कर नाचते और पल्टी मारते तो लोग दांतों तले उंगली दवा लेते थे. राई नृत्य में उनका कोई मुकाबला नहीं था.
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