
e-Attendance Scam: डिजिटल इंडिया के तहत पारदर्शिता के नाम पर शुरू की गई ई-अटेंडेंस प्रणाली अब मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में सवालों के घेरे में आ गई है. 100 फीसदी ई-अटेंडेंस को लेकर सुर्खियों में आए विदिशा जिले में तीन शिक्षकों द्वारा फर्जी उपस्थिति दर्ज कराने का मामला सामने आया है. खुलासे के बाद तीनों को बर्खास्त कर दिया गया है.
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क्या है पूरा मामला?
सूत्रों के अनुसार 100 फीसदी ई-अटेंडेंस वाले विदिशा जिले में साफ्टनेट नामक मोबाइल एप के जरिए कॉलेज और स्कूलों में ई-अटेंडेंस दर्ज की जा रही थी, लेकिन विदिशा जिले में लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ शिक्षक कॉलेज आए बिना भी ऐप के ज़रिए अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं.
कॉलेज नहीं आए, लेकिन अटेंडेंस लगा था
मिली रही शिकायत के आधार पर शिक्षा विभाग जांच करवाया और पाया गया कि ई-अटेंडेंस डेटा में तीन टीचर क्रमशः सुरेन्द्र शर्मा (सहायक प्राध्यापक), डॉ. सरताज मंज़ूर (गेस्ट फैकल्टी), और शंभू कुमार यादव (अतिथि शिक्षक) कई दिनों से कॉलेज नहीं आ रहे थे, लेकिन उनका अटेंडेंस रिकॉर्ड नियमित था.
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विभागीय जांच में फर्जी अटेंडेंस की पुष्टि हुई
शिक्षा विभाग ने मामले की जांच के लिए टीम गठित की और जांच पूरी होने के बाद जब रिपोर्ट आई तो तीनों शिक्षकों फर्जी अटेंडेंस रिकॉर्ड कराने की पुष्टि हुई तो तीनों शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया. विभाग ने सख्त एक्शन से सभी कर्मचारियों को गंभीर संदेश दिया है.
100% ई-अटेंडेंस से सुर्खियों में थी विदिशा
गौरतलब है ई-अटेंडेंस के मामले में रिकॉर्ड बनाने वाले विदिशा में ई-अटेंडेंस 100 फीसदी हुआ था, लेकिन ई-अटेंडेंस में तीन शिक्षकों द्वारा किए गए घोटाले पोल खोल दी है. पूर्व कलेक्टर रोशन सिंह ने विदिशा में सबसे पहले ई अटेंडेंस लागू की थी जिसमें जिले भर के शिक्षक समय पर स्कूल पहुंचने लगे थे जिसको लेकर विदिशा जिले भर में खूब वाहवाही लूटी थी