Padma Shri Award in MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) से पांच लोगों को पद्मश्री सम्मान मिला है. इनमें कला के क्षेत्र में भोपाल (Bhopal) के रहने वाले आर्ट डिजाइनर और भारत भवन के रूपांकर विभाग के निदेशक हरचंदन सिंह भट्टी (Harchandan Singh Bhatti) को दिया गया है. भट्टी से NDTV की टीम ने बात की. उन्होंने अपने अनुभव साझा किए. 65 साल के हरचंदन सिंह भट्टी 25 साल से भोपाल में किराये के मकान में रहते हैं. उन्होंने बताया कि जब से वह भोपाल आएं, उनका बहुत अच्छा सफर रहा. भारत भवन के न्यास में सदस्य जे स्वामीनाथ का बहुत बड़ा योगदान रहा.
भोपाल को बनाया अपना कर्मभूमि
हरचंदन सिंह भट्टी ने बताया, 'मध्य प्रदेश के भोपाल को अपनी कर्मभूमि बनाया. शुरुआत में मुझे फ्रस्ट्रेशन होता था. मैं पेंटर बनना चाहता था, चित्रकार बनना चाहता था. लेकिन, डिजाइनर बन गया. डिजाइनर के काम को पेंटर लोग हेय की दृष्टि से देखते हैं. लेकिन, आज सम्मान पाकर मुझे भी ऐसा लगता है कि मुझे आत्मसम्मान मिला है. एक कॉन्फिडेंस आया है.'
ट्राइबल म्यूजियम में किया डिजाइनर का काम
भट्टी ने बताया कि भोपाल के ट्राइबल म्यूजियम में डिजाइनर का काम किया. साल 2000 में खजुराहो में आदिवत म्यूजियम को डिजाइन करने के साथ 2022-23 में इसे रिनोवेट भी किया और उज्जैन में त्रिवेणी म्यूजियम को डिजाइन किया. अभी फिलहाल महाकाल लोक में लगी मूर्तियों को मेटल से बनाने के काम में लगे हुए हैं. भट्टी का जन्म जरूर उत्तराखंड के देहरादून में हुआ, लेकिन बचपन एमपी में बीता. इंदौर के फाइन आर्ट्स कॉलेज से कला से शिक्षा ली. पद्मश्री के पहले उन्हें कालिदास सम्मान और मध्यप्रदेश गौरव से नवाजा जा चुका है.
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1984 के दंगों से डरे
हरचंदन सिंह भट्टी बताते हैं कि 1984 के दंगे के दौरान इंदौर में सिर्फ उनका ही एक परिवार सुरक्षित था. बाकी सभी परिवारों का नुकसान हुआ. लोगों ने अपना आत्मसम्मान खोया. उसी दौरान डर का माहौल था. इसलिए उन्होंने अपने बाल कटवाए और पगड़ी पहनना बंद कर दिया. चोटी भी नहीं बांधते तब से आज तक वह सिर्फ हैट लगाते हैं. उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में कलाकारों के लिए अच्छा मौका है. मध्यप्रदेश सरकार बहुत सपोर्ट कर कलाकारों को आगे भी बढ़ाती हैं.
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