
Madhya Pradesh News: तीन दिसंबर को हुए मतगणना में भाजपा की बंपर जीत के 8 दिन बाद भी भाजपा अब तक मध्य प्रदेश-और छत्तीसगढ़ के लिए सीएम का चेहरा पेश नहीं कर पाई है. जिसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
भाजपा के पुराने रिकॉर्ड बताते हैं कि बीजेपी ने जब-जब सीएम के ऐलान में 5 दिन से ज्यादा का वक्त लिया, तब-तब नया चेहरा सामने आया. इस बार भी भाजपा 8 दिन बाद भी कोई फैसला नहीं ले पाई है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भी भाजपा दोनों ही राज्यों में किसी नए चेहरे पर दांव खेल सकती है.
5 दिन से ज्यादा देरी होने पर मिला नया चेहरा
2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा मध्य प्रदेश की तरह ही उत्तर प्रदेश में भी बिना किस सीएम चेहरे के चुनाव मैदान में उतरी और बंपर जीत दर्ज की. यहां सीएम का चुनाव करने में भाजपा को 9 दिन लग गए थे. तब राजनाथ सिंह और मनोज सिन्हा जैसे बड़े नेता रेस में थे. लेकिन, नए चेहरे के तौर पर योगी आदित्यनाथ सीएम के रूप में सामने आए.
2017 में उत्तराखंड में भी भाजपा बिना सीएम चेहरे के ही चुनाव मैदान में उतरी थी. यहां भी सीएम फेस डिसाइड करने में भाजपा को आठ दिन का वक्त लगा. लेकिन इसके बाद जो चेहरा सामने आया वह त्रिवेंद्र सिंह रावत का था, जबकि इस पद के लिए बीएस खंडूरी और रमेश पोखरियाल निशंक जैसे कई दिग्गज जोर आजमाइश कर रहे थे.
2017 हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद यहां भी भाजपा को सीएम की घोषणा करने में 7 दिन लग गए थे. तब भी प्रेम सिंह धूमल जैसे दिग्गज की जगह जयराम ठाकुर का नाम सामने आया था, जोकि एक नया चेहरा था.
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2014 में महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन को मिली बड़ी जीत के बाद भी भाजपा ने सीएम का चेहरा सामने करने में 7 दिन का वक्त लगा दिया. इसके बाद जो चेहरा सामने आया, वह देवेंद्र फडणवीस का था, जबकि इस पद के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और प्रकाश जावड़ेकर जैसे नामों की खूब चर्चा रही थी.
2014 में हरियाणा में भी बीजेपी को मुख्यमंत्री चुनने में 6 दिन का वक्त लगा था, तो यहां भी पार्टी ने नए चेहरे मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया था, जबकि इस रेस में चौधरी बीरेंद्र सिंह, कैप्टन अभिमन्यु जैसे नेता थे, लेकिन भाजपा ने बिल्कुल ही नए नाम को आगे बढ़ाया था.
5 दिन से कम समय यानी चेहरा रिपीट
इस प्रकार जब भी भाजपा को मुख्यमंत्री का चेहरा तय करने में 5 दिन से कम का वक्त लगा, तो पार्टी ने पुराने चेहरे को ही मौका दिया.
2019 में हरियाणा चुनाव के रिजल्ट के 3 दिन बाद ही बीजेपी ने मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा कर दी. इसके साथ ही पार्टी ने मनोहर लाल खट्टर को ही दूसरी बार राज्य की बागडोर संभालने की जिम्मेदारी सौंपी.
2022 गुजरात विधानसभा का भी जब 8 दिसंबर को चुनाव परिणाम आया, तो 3 दिन के अंदर ही भाजपा ने भूपेन्द्र पटेल को फिर से गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान कर दिया था. मुख्यमंत्री का नाम तय करने में लगने वाले समय और उसके बाद सामने आने वाले चेहरे से पता चलता है कि भाजपा जब भी सीएम का नाम सामने लाने में 5 दिन से ज्यादा वक्त लेती है, तो पार्टी नए चेहरे को मौका देती है. इसी तरह जब भी 5 दिन से कम वक्त लगता है, तो पार्टी पुराने चेहरे को ही आगे करती है.
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