NDTV Exclusive Interview With Shivraj Singh Chouhan: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) और चुनावी प्रचार-प्रसार के बीच NDTV की टीम ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के साथ पूरा दिन बिताया. इस दौरान हमारी टीम ने शिवराज सिंह से कई सवाल-जवाब किए और चुनावी माहौल के बीच उनकी दिनचर्या को देखा और समझा. चुनावी माहौल के बीच हम आपको पूर्व सीएम शिवराज की दिनचर्या (Shivraj's Daily Routine) से हूबहू अवगत करा रहे हैं. साथ ही NDTV द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब शिवराज सिंह की जुबानी बता रहे हैं, जिन्हें आप इस आर्टिकल में पढ़ सकते हैं.
शिवराज सिंह चौहान की दिनचर्या योग से शुरू होती है, फिर पूजा पाठ, पार्टी का काम लोगों से मिलना और उसके बाद चुनावों के दौरान चुनावी सफर. चौहान पांच बार सांसद, छह बार विधायक और चार बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अब वापस से लोकसभा की राह में हैं. इस राह में ही हमने उनसे मुलाकात की और हवा में ज़मीन पर उनसे बात की. पहले थोड़ा सा नाश्ता, यहां से हर रोज काफिला पहले भोपाल के स्मार्ट सिटी पार्क, जिसे लगभग 4 साल के रोजाना संकल्प ने हरा भरा बना दिया, वहां से शिवराज सीधे भोपाल एयरपोर्ट पहुंचे. आचार संहिता लगी है इसीलिए स्टेट हैंगर के बजाए मेन रनवे से विमान ने नागपुर की उड़ान भरी. जहाज में थोड़ी देर आराम किया, कुछ लिखा, पढ़ा फिर हमने बतियाने के लिए माइक आगे बढ़ा दिया.
सवाल - सभी सीटों की ज़िम्मेदारी आप पर भी है, आपकी खुद की भी सीट है... लोकसभा में कितना काम बढ़ गया है?
जवाब - जितना आवश्यक है उतना ध्यान देता हूं लेकिन पूरा लोकसभा क्षेत्र मेरा परिवार है और इसलिए जाता हूं. नहीं जाऊं तो भी ठीक नहीं है. प्रेम के रिश्ते हैं लेकिन बाक़ी जगह भी अपनी पार्टी के लिए है जाना आवश्यक है. पार्टी ने जिम्मेदारी दी है आज इसीलिए छिंदवाड़ा जा रहे हैं.
सवाल - विधानसभा चुनाव में आपसे जब बात हुई आपने कहा, आप नहीं जनता चुनाव लड़ रही है, लेकिन लोकसभा में एक बड़ा इलाक़ा होता है, इस चुनाव में क्या उम्मीद है?
जवाब - जनता का आशीर्वाद बहुत है. कितने मार्जिन से जीतेंगे जनता तय करेगी. प्यार और आशीर्वाद भरपूर है.
सवाल - जो उम्मीदवार आपके सामने हैं बहुत साल पहले भी आप को चुनौती दे चुके हैं.
जवाब - मैं हर एक व्यक्ति की गरिमा का सम्मान करता हूं, वो पहले दो बार सांसद रहे हैं, मैं तो उनका भी आदर करता हूं.
सवाल - विधानसभा चुनाव में आपके सामने सीरियल के हनुमान जी थे, इतनी चुनौती दिखी नहीं.... लेकिन लोकसभा में आप मानते हैं जिम्मेदारियों का बोझ ज्यादा है?
जवाब - चुनाव तो जनता ही लड़ेगी. हम तो केवल दस्तूर पूरा करने जाएंगे थोड़ा जा पाए तो वही काफ़ी है.
सवाल - बाक़ी के मध्य प्रदेश में इस बार आपको क्या उम्मीदें हैं?
जवाब - नरेंद्र मोदी जी मध्य प्रदेश की जनता के दिलों में बसते हैं, लोग केवल उनको नेता नहीं मानते, उनको श्रद्धा और भक्ति के भाव से देखते हैं. पूरा प्रदेश, समय, मोदी जी के भारतीय जनता पार्टी के साथ है और मुझे पूरा विश्वास है कि सभी 29 सीटें भारतीय जनता पार्टी बहुत बड़े अंतर के साथ जीतेगी.
इस बीच विमान नागपुर उतरा, नागपुर से सड़क के रास्ते काफिला बढ़ चला महाराष्ट्र की सीमा से लगे कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा की तरफ. सबसे पहले छिंदवाड़ा लोकसभा की पांढुर्ना विधानसभा के बढ़ चिचोली पहुंचे. जगह-जगह कार्यकर्ताओं का जमावड़ा था, सफर में देरी हो रही थी, लेकिन बीच में एक कार्यकर्ता के घर पर रुक कर वहीं दोपहर का भोजन किया. यहां से काफिला निकला अमरवाड़ा विधानसभा के धनौरा के लिये, लेकिन बीच में हम फिर से बातचीत के लिये शिवराज के साथ सवार हो गये.
सवाल - लाड़ली बहनों का जो प्रेम है वो हमेशा आपके प्रति देखने को मिलता है?
जवाब - उनसे जो रिश्ता है वो ज़िंदगी भर का है.
सवाल - सुबह घर पर आपने नाश्ता किया, लेकिन दोपहर का भोजन कार्यकर्ता के घर पर किया, एक ये सहज भाव है या सियासत?
जवाब - हम सब एक परिवार हैं, हम कोई स्वार्थ की राजनीति नहीं करते हैं. प्रेम से काम करते हैं, हम अपने लक्ष्य के पूर्ति के लिए एक साथ मिलकर काम करते हैं.
सवाल - विदिशा से क्या इस बार आप अपनी जीत का रिकॉर्ड बनाएंगे?
जवाब - जनता तय करेगी. लेकिन, प्यार और आशीर्वाद मेरे ऊपर जनता का अद्भुत है.
सवाल - कांग्रेस का जो घोषणा पत्र आया है जब आपने देखा, आपको लगता है कि कोई तीन-चार ऐसी योजनाएं हैं जो समाहित की गई हैं, वो आपकी योजनाओं से मिलती जुलती है.
जवाब - हमारी योजनाओं का प्रभाव है इन्होंने लिख दिया. वो जो कहते हैं वो कभी करते नहीं है. पहले भी कई वादे उन्होंने किये थे, अपने वचन पत्र में वो कोई निभाया नहीं, लेकिन उन्होंने देखा योजनाओं की प्रसिद्धि, उसके कारण, उनके असर को, इसलिए उन्होंने लिख दिया.
सवाल - बीजेपी की घोषणा पत्र समिति में आप हैं तो कुछ सुझाव जो आपने दिए हों?
जवाब - जब घोषणा पत्र हम जारी करेंगे तो विस्तार से बताएंगे, लेकिन अगर एक शब्द में कहूं तो विकसित भारत हमारा संकल्प है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ऐसे विजनरी लीडर हैं जो इतने अलग-अलग तरीकों से सोचते हैं कि विकास के बारे में और जन कल्याण के बारे कि आश्चर्य होता है. एक व्यक्ति इतना सोच कैसे सकता है, उनका विजन अगर एक शब्द में कहूं मैं तो विकसित भारत का निर्माण हो ऐसा है, उसका रोडमैप हम पूरा अपने मेनिफेस्टो में जारी करेंगे.
सवाल - कमलनाथ के कई करीबी BJP में आ रहे हैं, कोई और कारण है या फिर 29 और शून्य का लक्ष्य है?
जवाब - भारतीय जनता पार्टी पुनर्निर्माण का आंदोलन है, विकसित भारत बनाना है, भारत को विश्वगुरु बनना है. विश्व गुरु इसलिए नहीं कि हम किसी का शोषण करें, विश्व के कल्याण के लिए भारत काम करेगा और ये होगा मोदी के नेतृत्व में. उनके हाथ से होगा और हम देखेंगे. राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के आंदोलन में जो जुड़ना चाहता है, योगदान देना चाहता है वो भाजपा में आ रहा है. हम उसको शामिल कर रहे हैं. कांग्रेस के लोग निराश हो गए हैं, कांग्रेस में अब कुछ बचा नहीं है, न नेता, न नीति, न दिशा, न दृष्टि ऐसे उल्टे फैसले ले रहे हैं कि कांग्रेस के मित्रों ने मुझे कहा कि अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया जनता को क्या चेहरा दिखाएंगे? हालत ये हो गई थी कि ऐसे फैसलों के कारण ही कांग्रेस के कार्यकर्ता जनता में जाने से घबरा रहे थे, विनाश काले विपरीत बुद्धि जैसे फैसले हैं, जो आस्था राम में रखते हैं, जिनकी उन कांग्रेसियों को ठेस लग रही है BJP ज्वाइन कर रहे हैं.
सवाल - कमलनाथ भी हनुमान के भक्त हैं, उनको तो नहीं ले लेंगे?
जवाब - उनके बारे में तो तरह-तरह की चर्चाएं चलीं, मुझे जानकारी नहीं है लेकिन उनकी विश्वसनीयता बुरी तरह से खतरे में है. कई लोगों ने ये सोचा जब यही जा रहे हैं तो हम क्यों इनके पीछे रहें.
सवाल - दिग्विजय सिंह 400 प्रत्याशी खड़े कर बैलेट पेपर से चुनाव करवाने की बात कर रहे हैं, क्या ये जायज मांग है?
जवाब - हार की पूर्व भूमिका तैयार कर रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री, उनको पता है कि वे बुरी तरह हार रहे हैं. बाद में बोलेंगे हमने तो कहा था EVM से चुनाव मत करवाओ. दिग्विजय सारी चीज़ें पहले से भांप लेते हैं, ये चालाकी है उनकी, पहले ही कहेंगे भूमिका बनाकर कि मैंने तो पहले ही कहा था.
सवाल - लेकिन कांग्रेस के खाते फ्रीज हो गए ऐसे में चुनाव कैसे लड़ें?
जवाब - दिशाहीन नेतृत्व में कांग्रेस को तबाह कर दिया है, बर्बाद कर दिया है. मैं तो ये कहता हूं कि महात्मा गांधी जी ने आजादी के तत्काल बाद ये कहा था कि कांग्रेस आज़ादी का आंदोलन था. इसको राजनीतिक दल नहीं रहने देना चाहिए. लोक सेवक संघ बनाना तो नए राजनीतिक दल लेकर आओ, लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आजादी की विरासत का राजनीतिक लाभ उठाने के लिए गांधीजी की बात नहीं मानी, लेकिन राहुल गांधी ने ठान रखा है कि गांधीजी के इस सपने को पूरा करेंगे. कांग्रेस को समाप्त कर देना चाहिए. ख़त्म करके ही चैन की सांस लेंगे, 1 के बाद 1 पराजय के बाद एक ही आदमी को री-लॉन्च करते चलते हैं, तबाह कर ही रहे हैं कांग्रेस को.
सवाल - आपने आदिवासियों के घर पर भोजन किया है ये इलाक़ा भी आदिवासी क्षेत्र है. पिछले चुनाव में वो बीजेपी से दूर हो गए थे लेकिन इस बार पाले में आए, क्या उन्हें साधने की कोशिश है?
जवाब - मनुष्य मात्र एक समान है, इसलिए भारत ने आज नहीं हज़ारों साल पहले कहा कि सब अपने जैसा ही देखो सब अपने जैसा है, इसलिए हमने कहा वसुधैव कुटुंबकम्. अब ये वही भाव है सब हमारे भाई-बहन हैं. उनके साथ भोजन करना उनके कल्याण के काम करना, ये हमारी दिशा भी है, हमारी दृष्टि रही है और मैं बहुत प्यार करता हूं, सब सिर्फ़ परिवार मेरा परिवार है. तो उसके साथ बैठकर भोजन करने में, उनके घर जाना, उनसे गले मिलने में मुझे आनंद आता है.
सवाल - महिलाओं और बहनों के प्रति एक विशेष स्नेह है, आपको लगता है कि आपकी भरपाई BJP का कोई और नेता लाडली बहना के संदर्भ में नहीं कर सकता?
जवाब - मोहन जी, हमारे मुख्यमंत्री ने जो कहा है वो कर भी रहे हैं सारी योजनाएं जारी रखेंगे. हमारी सरकार के जो पहले से कार्यक्रम जारी रहे हैं, लाडली बहनाओं के खाते में पांच तारीख़ को ही पैसा डल गया, कई नई योजनाएं भी वो बनाएंगे मुझे पूरा विश्वास है कि एक कुशल नेतृत्व में लगातार मध्य प्रदेश का विकास और जनता का कल्याण होता रहेगा.
सवाल - आपने 3000 का वायदा किया था, जो ख़ज़ाना है उसकी इजाज़त नहीं देगा?
जवाब - आपको याद होगा मैंने क्रमशः एक वादा किया था मुझे विश्वास है कि सरकार इसको लेकर काम करेगी.
सवाल - दिग्विजय सिंह मजबूत प्रत्याशी हैं, राजगढ़ को लेकर क्या प्लान है?
जवाब - राजगढ़ भेद लिया गया है. आप देखना दिग्विजय सिंह जी रिकॉर्ड वोटों से हारेंगे. वहां इनका जादू नहीं चल रहा. राष्ट्रीय चुनाव में लोग देख रहे हैं कि देश कौन चलाएगा.
सवाल - क्या आपकी इच्छा थी दिल्ली की राजनीति में जाने और लोकसभा चुनाव लड़ने की?
जवाब - मैंने पहले भी कहा है कि मैं भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता हूं. दो कारणों से एक मुझे देश की सेवा करनी है, दूसरा मुझे जनता की सेवा में समय गुजारना है. और ये भारतीय जनता पार्टी के माध्यम से ही संभव है. मेरी विचारधारा बचपन से वही है. इमरजेंसी में जेल गया, लेकिन जब आप एक बड़े मिशन के अभियान के आंदोलन का हिस्सा होते हैं तो आप तय नहीं करते कि आप कहां काम करोगे, वो नेतृत्व तय करता है कि आप किस रूप में काम करोगे. मुझे जो जब काम भारतीय जनता पार्टी ने दिया मैंने पूरी प्रामाणिकता के साथ किया. आगे भी मुझे भी विधायक बनना है, सांसद बनाएं या मुख्यमंत्री बनाएं, जो पार्टी काम देगी मैं वो करूंगा. मेरी अपनी कोई इच्छा नहीं है.
सवाल - ऐसा तो नहीं लगता कि पार्टी ने आपके अनुभव को अनदेखा किया?
जवाब - मुझे बिलकुल भी ऐसा नहीं लगता है. पार्टी ने मुझे क्या नहीं दिया? मैं संगठन के राष्ट्रीय से लेकर प्रदेश तक के पदों पर रहा हूं. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री, मंत्री, युवा मोर्चे का अध्यक्ष, मुझे विधायक बनाया छह बार, सांसद बनाया छह बार, मुख्यमंत्री बनाया चार बार. मेरे अलावा क्या कोई कार्यकर्ता नहीं है कि मुझे ही बनाएं? बिलकुल पार्टी ने उचित किया है कि उन्होंने दूसरे कार्यकर्ता को मौक़ा दिया है.
सवाल - मोहन यादव ने पहले मुख्यमंत्री बनते ही डीजे, मांस बिक्री को लेकर फैसला लागू किया. आपके बयानों से हमें ऐसा लगा कि क्या भविष्य में हम ये देखेंगे कि सरकार के सामने आप खड़े हैं कि यह फैसला ठीक नहीं है?
जवाब - देखिए मैंने बिलकुल ऐसा नहीं कहा है. मेरे पास अपनी आजीविका के लिए जो बैंड बजाते हैं जो बैंड वाले हैं वो आए थे और उन्होंने कहा कि हमारी रोजी रोटी बंद हो सकती है. हमने कहा कि हम बंद नहीं होने देंगे. बात करूंगा, बैंड बजाना शादी में कोई प्रतिबंध थोड़ी ना किया है, इसलिए ऐसे मुद्दों पर मैंने अपनी बात की थी और मुख्यमंत्री जी की ऐसी मंशा भी नहीं. उन्होंने अलग से फ़ैसला लागू किया था, इसलिए कोई बात ऐसी होगी भी तो मुख्यमंत्री से बात करेंगे तो उसमें कोई दिक्कत नहीं है.
सवाल - दक्षिण में भी कई राज्यों में अपने दौरे की और BJP का फोकस भी लग रहा है, क्या आप BJP का कोई सकारात्मक रोल देख रहे हैं क्योंकि पिछले कई वर्षों में दिखा नहीं?
जवाब - मैं दक्षिण के राज्यों में जाकर दो बार आया हूं. बाक़ी सभी राज्यों में गया हूं. फिर मैं शायद तमिलनाडु जाऊं एक अद्भुत परिवर्तन देखने को मिला है. मोदी जी पूरे पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, देश में किसी भी कोने में चले जाएं पूरे देश के नेता हैं, उनकी लोकप्रियता किसी राज्य विशेष, उत्तर में, मध्य में नहीं, पूरे देश में है और इस बार अद्भुत परिवर्तन दक्षिण में दिख रहा है, भारतीय जनता पार्टी तमिलनाडु सहित हर राज्य में अच्छा परफॉर्म करेगी.
सवाल - आदि शंकराचार्य की मूर्ति को लेकर परिकल्पना आपने की और आप केरल जा रहे हैं, क्या कुछ कनेक्ट दिखता है?
जवाब - आदि गुरु वो हमारे गुरु हैं. जो ऐसे गुरु हैं जिन्होंने भारत के सांस्कृतिक धागों को एक सूत्र में बंद कर रखा है. वो न होते तो आज भारत का यह स्वरूप शायद नहीं होता, सनातन नहीं दिखता इसलिए मैं उनको श्रद्धा के आधार की दृष्टि से देखता हूं. इसलिए मुझे लगा कि गुरु जहां आएं हैं वो अपनी गुरु भूमि है. वहां उनकी केवल न एक प्रतिमा बल्कि, हमने कल्पना की है कि हम वहां पर अद्वैत वेदान्त संस्थान बनाएं जो कि मेरा विश्वास है मानव को शाश्वत शांति के पथ का दिग्दर्शन कराएगा. कोई भेद नहीं, हम सब में एक ही हैं. हम सब दुनिया के सारे संघर्ष और योद्धाओं को घृणा नहीं, प्रेम युद्ध नहीं, शांति इसको साकार करेगा. इसलिए दर्शन को दुनिया में पहुंचना चाहिए. हमारी कल्पना है यह संस्थान बनेगा, गुरुकुल बनेगा, जिससे ये विचार पूरी दुनिया में फैले.
सवाल - जहां आप जा रहे हैं वो कांग्रेस का आखिरी क़िला कह सकते हैं, पिछली मोदी लहर में आप उसको छीन भी नहीं पाए थे, यहां के लिए क्या तैयारी है?
जवाब - निश्चित तौर पर हम जीत रहे हैं. सभा का उत्साह आपने देखा है, रास्ते में मैंने मना किया था कि कहीं लोग ना मिले तो भी लोग खड़े हुए हैं. स्वागत कर रहे हैं, उत्साह देखा मैंने पूरे विश्वास के साथ कह रहा हूं कि BJP विशाल बहुमत से भारी अंतर से छिंदवाड़ा लोकसभा का चुनाव जीत रही है.
बात करते-करते शाम होने वाली थी, मंच पर हाल ही में अमरवाड़ा के कांग्रेस से बीजेपी में आए विधायक कमलेश शाह मौजूद थे, कई कांग्रेस कार्यकर्ता यहां भी बीजेपी की सदस्यता ले रहे थे, फिर शिवराज लाडली बहनों के साथ संवाद करने लगे.
काफिले को बादल भी टकटकी लगाए देख रहे थे, शाम का अंधेरा फैलने लगा था, छिंदवाड़ा के खूबसूरत जंगलों में सूरज अस्त हो रहा था. जुन्नारदेव विधानसभा के चावल पानी में पहुंचने से पहले. अंधेरे में टेंट उखड़ गया, लेकिन बरसते पानी, आंधी-तूफान के बीच शिवराज सिंह चौहान वहां पहुंचे. एक घर के बरामदे में वैकल्पिक व्यवस्था की गई, बिजली नहीं थी तो कार की बैटरी से माइक, लाउडस्पीकर लगाया गया. आखिरी सभा होशंगाबाद लोकसभा के पिपरिया में थी, लेकिन पौने दस बजे तक जब चावल पानी से सफर आगे नहीं बढ़ा तो वहां फोन से कार्यकर्ताओं ने अपने नेता को सुना. वायदा ये कि रोटी उनके साथ खाएंगे. रात लगभग 2 बजे वो भोपाल में अपने घर पहुंचे, अगले दिन के चुनावी सफर की तैयारी के लिए.
यह भी पढ़ें - Lok Sabha Election 2024: BSP प्रत्याशी के निधन के बाद बैतूल में चुनाव स्थगित, अब नई तारीख में होगा मतदान
यह भी पढ़ें - Elections: खजुराहो में राजा भइया को सपोर्ट करेगा 'INDIA' गठबंधन, सपा प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने के बाद लिया फैसला