Navratri 2023 : हिन्दू धर्म में नवरात्रि (Navratri) का अलग ही महत्व है. शारदीय नवरात्रि (Navratri 2023) रविवार से प्रारंभ हो गई है. गुरुवार को नवरात्रि का पांचवा दिन हैं. इन पवित्र नौ दिनों में हर कोई माता की भक्ति में लीन हो जाता है. देवी मां को प्रसन्न करने के लिए भक्त दूर-दूर से दर्शन के लिए आते हैं. माता के चमत्कारों की कहानियां भी काफी प्रचलित है. ऐसे ही मध्यप्रदेश (MP) के देवास (Dewas) के एक खास मंदिर की कहानी हम आपको बताएंगे जिनकी मूर्ति चट्टान में उकेरकर बनाई गई है. इस मंदिर का नाम है मां चामुंडा तुलजा भवानी है. इस मंदिर को माता टेकरी के नाम से भी जाना जाता है.
माता टेकरी का मंदिर मध्य प्रदेश के देवास जिले में स्थित है...देवास यानी दो देवियों का वास. नवरात्रि के दिनों में मां के दरबार में भक्तों का तांता लगा है. मध्य प्रदेश के देवास में माता टेकरी पर स्थित मां तुलजा भवानी (Maa tulja bhavani) और मां चामुंडा (Maa chamunda) के मंदिर में अच्छी ख़ासी भीड़ उमड़ रही है देवास शहर का यह मंदिर हज़ार साल पुराना है.
देवी सती के रक्त की गिरी थी बूंद
मान्यता है कि यहां देवी सती के रक्त की बूंद गिरी थी. इसकी वजह से टेकरी को शक्तिपीठ माना जाता है. इस शहर के नाम देवास (Dewas) दो देवियों के वास से ही बना है. देवास की माता टेकरी नाथ संप्रदाय का सिद्ध स्थल है और कई ऋषि मुनियों की तपोभूमि भी रहा है. देवास शहर का यह मंदिर हज़ार वर्ष पुराना है टेकरी पर मां चामुंडा देवी की मूर्ति दसवीं शताब्दी की बताई जाती है.
टेकरी से उज्जैन के बीच बनी हैं एक सुरंग
कहा जाता है कि देवास की माता टेकरी से उज्जैन के बीच एक सुरंग बनी हैं. जिसे गुप्त रूप से आने जाने के लिए तैयार किया गया था ऐसा बताया जाता है कि सुरंग 45 किलोमीटर लंबी है, जो देवास से उज्जैन के भर्तृहरि गुफा तक जाती है. कहते हैं उस समय राजा भर्तहरि इसी रास्ते से माता के दर्शन करने के लिए डिग्री आते थे.
मंदिर से जुड़ी मान्यता है बेहद खास
माता के भक्त दर्शन करने के लिए यहां दूर दूर से आते हैं वे देवास का ये शक्तिपीठ 52 शक्तिपीठों में शामिल है इसकी अनोखी प्रसिद्धि के कारण यहां बैठी दो बहने हैं मां चामुंडा और मां तुलजा के दरबार में दो देवियां हैं मां तुलजा भवानी और चामुंडा देवी को बहन माना जाता है. देवास में माता पर दक्षिण दिशा की ओर माता तुलजा भवानी का मंदिर है. जो बड़ी माता है, मंदिर में माता के मुख के दर्शन किए जाते हैं, मंदिर चामुंडा माता मंदिर जितना ही प्राचीन है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां तुलजा भवानी और मां चामुंडा को बहन कहा गया है मां तुलजा भवानी शिवाजी की कुलदेवी है.
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