MP Schools Report: नेशनल बालिका दिवस (National Girl Child Day 2025) पर चाइल्ड राइट्स एंड यू-क्राई मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बालिकाओं की स्कूली शिक्षा तक पहुंच के प्रगति और चुनौतियों का व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करता है. हाल ही में जारी UDISE+ (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन) 2023-24 के अंतर्गत क्राई का विश्लेषण शिक्षा में महत्वपूर्ण उपलब्धियों, बुनियादी ढांचे में प्रगति और बालिकाओं के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए तत्काल ध्यान की आवश्यकता वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर प्रकाश डालता है.
इन छात्राओं को दी जाने वाली शिक्षा में प्रगति
हाल ही में जारी यूडीआईएसई+ डेटा 2023-24 दर्शाता है कि मध्य प्रदेश ने फाउंडेशनल और प्रीपरेट्री शिक्षा में प्रगति दिखाई है. बालिकाओं के लिए सकल नामांकन अनुपात यानि ग्रोस एनरोलमेंट रैशीओ फाउंडेशनल स्तर पर 2022-23 में 37.7% से सुधरकर 2023-24 में 39.3% दर्ज किया गया है. हालांकि, यह राष्ट्रीय औसत (41.6%) से कम है. वहीं, प्रीपरेट्री स्तर पर सकल नामांकन अनुपात 82.2% से घटकर 81.1% दर्ज किया गया है, जो राष्ट्रीय औसत 97.7% से काफी कम है.
प्रीपरेट्री और सेकन्डेरी स्तर पर बालिकाओं के ड्रॉपआउट दर में भी सुधार
मध्य प्रदेश ने यू-डीआईएसई 2023-24 में बालिकाओं के प्रीपरेट्री और सेकन्डेरी ड्रॉप आउट दर में महत्वपूर्ण सुधार दिखाया. बालिकाओं के सेकन्डेरी स्तर पर ड्रॉपआउट दर में एक वर्ष में बड़ी गिरावट आई है, आंकड़ा 18.3% से गिरकर 13.0% हो गया, जिसका अर्थ है कि कम बालिकाएं स्कूल छोड़ रही हैं. यह राष्ट्रीय औसत 9.4% (2023-24) से भी अधिक है.
सेकेंडरी स्तर पर स्थिति चिंतनीय
माध्यमिक स्तर पर कुल सकल नामांकन अनुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ. 2022-23 में 46.8% से बढ़कर 2023-24 में 55.5% हो गया. हालांकि, यह राष्ट्रीय औसत 66.5% से कम है. दुर्भाग्य से बालिकाओं के लिए माध्यमिक सकल नामांकन अनुपात में पिछले एक वर्ष मे तेजी से गिरावट आई है. यह 81.1% (2022-23) से गिरकर 55.7%(2023-24) हो गया, जो राष्ट्रीय औसत 67.7% से भी कम है.
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बालिकाओं की शिक्षा में बाधाओं को दूर करना जरूरी
चाइल्ड राइट्स एंड यू स्कूलों में शौचालयों, पेयजल सुविधाओं और बिजली कनेक्शनों की समय पर मरम्मत के माध्यम से बुनियादी ढांचे में सुधार के महत्व पर जोर देता है. कंप्यूटर सुविधाओं का उन्नयन और रखरखाव करके डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना एक और प्राथमिकता है. उच्च ड्रॉपआउट दर से निपटने के लिए छात्रवृत्ति और जागरूकता अभियानों के माध्यम से छात्राओं के रिटेन्शन कार्यक्रमों को मजबूत करना महत्वपूर्ण है. सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक बाधाओं को दूर करने के लिए लक्षित हस्तक्षेपों से राज्य में लड़कियों के लिए माध्यमिक नामांकन और प्रतिधारण में भी वृद्धि होगी.
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