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नियमों की मार! बैगा महिला ने 10वें बच्चे को दिया जन्म, नसबंदी व परिवार नियोजन पर परिवार और Dr ने ये कहा

MP News: बैगा जनजाति की तादाद बहुत कम है. केंद्र और राज्य सरकारों ने बैगा समेत कमार, अबुझमड़िया और बिरहोर जाति को संरक्षित घोषित किया है. बैगा आदिवासी मध्यप्रदेश के मुख्यत: तीन जिलों- मंडला, शहडोल एवं बालाघाट में पाए जाते हैं.

नियमों की मार! बैगा महिला ने 10वें बच्चे को दिया जन्म, नसबंदी व परिवार नियोजन पर परिवार और Dr ने ये कहा
Baiga Tribals in MP: बैगा महिला ने 10वें बच्चे को दिया जन्म

Baiga Tribals in MP: मध्य प्रदेश के बालाघाट (Balaghat) जिला अस्पताल में एक बैगा समुदाय (Baiga community) की महिला (Biga Women) ने 10वें बच्चे को जन्म दिया. इस तरह का मामला तब सामने आ रहा है, जब सरकार जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जागरुकता अभियान चला रही है. ऐसे में इस तरह का मामला आज के दौर में आम नहीं है. महिला के पति ने बताया कि यह महिला की दसवीं संतान है, जिनमें से 8 अभी जीवित है. इससे पहले उन्होंने स्थानीय अस्पताल में नसबंदी के लिए भी गए लेकिन इसके लिए उन्हें मना कर दिया गया.

10 में से दो बच्चों की हो चुकी है मौत

जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ निलय जैन ने बताया कि बैगा महिला का यह 10वां बच्चा है. इस बार नॉर्मल डिलीवरी नहीं हुई है. ऐसे में सीजर के 48 घंटे तक कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है. महिला की यह दूसरी शादी है. उनकी पहली शादी से उन्हें दो बच्चे हुए थे. वहीं, दूसरी शादी से आठ बच्चे हुए है. इनमें से दो बच्चों की मौत हो चुकी है.

इसी तरह का एक मामला जुलाई 2024 में भी आया था. एक 35 साल की बैगा जनजाति की महिला ने 10वें बच्चे को जन्म दिया था. उनके सात बेटे और तीन बेटियां है. वहीं, उनकी बड़ी बेटी की शादी हो गई है.

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परिवार नियोजन चाहते थे, लेकिन इजाजत नहीं : महिला के पति

महिला के पति ने बताया कि हम मजदूरी करते है. ऐसे में परिवार के पालन पोषण में समस्या आती है. ऐसे में परिवार नियोजन चाहते हैं. इसके लिए हम स्थानीय स्तर पर अस्पतालों में गए लेकिन उन्होंने मना कर दिया. ऐसे में हम चाहते हैं कि हमें नसबंदी की इजाजत दी जाए.

अस्पताल प्रशासन ने कहा था कि बैगा समुदाय की आबादी में कमी आ रही है. ऐसे में समुदाय को संरक्षित करने के लिए उनकी नसबंदी की इजाजत नहीं है.

बैगा जनजाति की आबादी में लगातार आ रही कमी को लेकर सरकार चिंता में थी. ऐसे में मध्यप्रदेश में 1979 में बैगा जनजाति के लोगों के नसबंदी न करने को लेकर कानून बना दिया गया था. हालांकि, बाद में हाईकोर्ट ने इसे निरस्त कर दिया था.

डॉक्टर का क्या कहना है?

इस पर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ निलय जैन ने बताया कि बैगा समुदाय में पुरुष या महिला के नसबंदी को लेकर प्रशासन से इजाजत लेनी होती है. वहीं, इसमें कई तरह की कानूनी प्रावधानों को ध्यान में रखना होता है. इसके बाद यह देखा जाता है कि महिलाओं के नसबंदी के लिए परिवार की स्थिति और महिला की स्वास्थ्य स्थिति को देखा जाता है.

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