Muharram 2024 celebration: खरगोन जिले के सनावद तहसील के टोड़ी पूरा क्षेत्र में पिछले 27 सालों से 'मन्नत वाला ताजिए' के नाम से ताजिया मशहूर है. लोगों की मन्नतें पूरी हुई तो नोटों के हार, ड्राई फ्रूट्स के सेरे और चांदी के हार लेकर पहुंचे और ताजिए पर बांधा. यही नहीं यहां तौलदान भी किया.
ऐसी है परंपरा
खरगोन जिले में मोहर्रम की तारीख को मगरिब के बाद ताजिया ईमामबाडे़ से बाहर निकलता है और जिन लोगों की मन्नतें पूरी हुई वे मन्नत अनुसार नोटों के हार, ड्राई फ्रूट्स के सेरे और चांदी के हार ताजिए पर बांधते हैं. लोभान छोड़ते और फातेहा दिलाते हैं. वहीं इमामबाड़े में महिलाएं बीबी फातिमा रदि अल्लाह ताला अन्हा की सबील के साथ आटे के चिराग जलाकर मर्सिया पढ़ती हैं और फतिहा देती हैं. मन्नत मांगने वाली महिलाओं को आटे की चिराग देकर मन्नत पूरी होने के दुआएं देती हैं. जिनके बच्चे होने की मन्नत पूरी होने पर बच्चों को बड़े तराजू के एक पलड़े पर बैठाते हैं और दूसरे पलड़े पर मिठाई रखकर ताजिए के सामने तौलदान करते हैं. मिठाई प्रसाद के रुप में बांटते हैं.
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जिनकी मन्नतें पूरी हुई उन्होंने ये किया
बुजुर्ग महिला हुसैना दादी ने बताया कि बेटी के यहां नवासा नहीं हो रहा था. शादी को 10 साल हो गए पिछले साल की मन्नत ली थी और बेटा हुआ. आज उसका तौलदान किया है. वहीं अखलाक मंसूरी ने बताया कि एक बेटी है. 8 साल पहले बेटे के लिए मन्नत की थी. अब मुझे बेटा हुआ. मन्नत वाले ताजिए पर सभी की मन्नत पूरी होती है. मन्नत ताजिए के मुजावर अनवर खान ने बताया कि यह मन्नत ताजिया पिछले 27 सालों से बनाते आ रहे हैं. यहां पर दूर-दूर से अकीदत मंद आते हैं अपनी मन्नत मांगते हैं. मन्नत पूरी होने पर वे यहां पर चांदी के हार के साथ ड्राईफ्रूट और नोटों के हार भी ताजिए पर पेश करते हैं. जो चढ़ावा और प्रसाद अकीदतमंदों में बांट देते हैं.
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