
MP Politics : मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह अपने विवादित बयान को लेकर देशभर में चर्चा में बने हुए हैं. वहीं, कांग्रेस उनकी जोरदार तरीके से घेराबंदी कर रही है. शुक्रवार को निवाड़ी जिले में उस वक्त भगदड़ मच गई, जब कांग्रेस शाह का पुतला दहन कर रही थी. कुछ पत्रकार आग में झुलस गए. वहीं, कांग्रेसियों को भागकर अपने आपको सुरक्षित करना पड़ा.
दरअसल, निवाड़ी के अंबेडकर चौराहे पर उस वक्त हड़कंप मच गया, जब विजय शाह का पुतला दहन कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए मुसीबत बन गया. पुतला जलाने के लिये लाई गई पेट्रोल की बोतल ने अफरा तफरी मच दी.नारेबाजी के बीच विजय शाह के पुतले को जलाने की तैयारी हुई इतने में उत्साही एक कांग्रेस नेता ने पेट्रोल से भरी बोतल निकाली और पुतले पर जैसे ही डाली वैसे ही प्रदर्शन में मौजूद एक अन्य युवक ने तुरंत आग लगा दी. इसके बाद पुतला भपका और सभी कांग्रेसी जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे और सड़कों पर आग फैल गई, जिसमें दो पत्रकार भी झुलस गए. बता दें, प्रवक्ता, रोशनी यादव के नेतृत्व में यह आंदोलन किया गया था.
कांग्रेसी अंबेडकर चौराहे पर कर रहे थे पुतला दहन
दरअसल, मंत्री विजय शाह ने सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित टिप्पणी की थी, जिसके विरोध में निवाड़ी के अंबेडकर चौराहे पर कांग्रेसियों ने पुतला दहन का आयोजन किया था. इस दौरान विजय शाह का पुतला दहन करने की भी योजना थी, लेकिन प्रदर्शन तो दूर पुतला दहन का कार्यक्रम जिंदगी मौत का खेल बन गया. कई लोग हादसे का शिकार होते होते बचे. यहां प्रदर्शन के दौरान कांग्रेसी नेता हबीब खान जैसे ही पेट्रोल डाल रहे थे, किसी ने अचानक आग लगा दी. पूरी बोतल पेट्रोल से भरी थी और लपटें एक झटके में फैल गईं.
मामला भयावह हो सकता था
आग का गोला बना पुतला, और मौके पर भगदड़ मच गई. आग की लपटें हवा में उड़ते पेट्रोल के साथ लोगों तक जा पहुंचीं. मौके पर कवरेज के लिए पहुंचे पत्रकार दीपक नीखरा और रूपेंद्र राय भी झुलस गए. प्रदर्शन स्थल पर मौजूद लोगों ने जैसे-तैसे एक जलते युवक को बचाया. एक युवा ने अपनी टीशर्ट उतारकर उसे आग से बचाया, नहीं तो मामला और भयावह हो सकता था.
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घायल पत्रकारों का इलाज जारी
हैरानी की बात ये रही कि प्रदर्शन में छोटे बच्चे भी शामिल थे, जो कि कानूनन गलत है और ऐसे आयोजनों में गंभीर हादसों का जोखिम और बढ़ जाता है. पुलिस प्रशासन की लापरवाही और आयोजनकर्ताओं की गैर-जिम्मेदाराना हरकत ने यह साफ कर दिया कि विरोध की आड़ में सुरक्षा को ताक पर रखा जा रहा है. फिलहाल घायल पत्रकारों का इलाज चल रहा है और प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं.
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