
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर (Gwalior) के व्यापारी से गुजरात (Gujarat) के दो भाइयों ने कंस्ट्रक्शन कंपनी में पार्टनर और मुनाफे का झांसा देकर करीब 82 लाख रुपये ऐंठ लिए. मामला वर्ष 2023 का बताया जा रहा है. इस मामले में क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को चार आरोपियों को गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया. क्राइम ब्रांच की एक विशेष टीम आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद गुजरात से ग्वालियर के लिए रवाना हो चुकी है और उन्हें यहां लाकर विस्तृत पूछताछ की जाएगी.
दरअसल, ग्वालियर के हरिशंकरपुरम निवासी सानिध्य शिवहरे के साथ 2023 में ठगी की यह वारदात हुई थी. व्यापार के सिलसिले में उनके एक परिचित दिग्विजय सिंह शेखावत ने बलबीर सिंह से मुलाकात कराई थी. फिर, बलबीर सिंह ने उसे दो भाई ललित देवाल व पंकज देवाल से मिलवाया था. दोनों ने उसे गुजरात मिलने बुलाया और फिर सूरत निवासी ललित देवाल और पंकज देवाल नामक भाइयों ने अपनी श्री सेठ सांवरिया कंस्ट्रक्शन फर्म में 30% का पार्टनर बनाकर 82 लाख रुपये का निवेश करवाया और मोटा मुनाफा देने का वादा किया. लेकिन, जब मुनाफा मांगा गया, तो कहा गया कि सारा पैसा बिजनेस में लगाया गया है. इसके बाद अप्रैल 2023 में दोनों आरोपी ग्वालियर आकर सानिध्य के पिता से भी मिले थे और भरोसा दिलाकर निवेश करवाया.
मुनाफा नहीं मिला तो दर्ज कराई एफआईआर
इसके बाद सूरत में पार्टनरशिप बॉन्ड साइन कराए गए. पैसे मिलने के बाद आरोपियों ने अपने ही रिश्तेदारों विहारिका गधवी और विवेक दान गधवी को कंपनी में डायरेक्टर बनाकर पूरी रकम खुर्दबुर्द कर दी. ठग उससे और रुपये मांग रहे थे, जब उसने और पैसा भेजने से इनकार किया और सूरत जाकर स्थिति जाननी चाही, तो पता चला कि उसकी रकम से कंपनी खड़ी कर दी गई है और उसमें उसका नाम कहीं नहीं है. सच्चाई सामने आने के बाद आरोपी टालमटोल करने लगे और आखिर में मोबाइल भी बंद कर दिया.
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ग्वालियर सीएसपी रोबिन सिंह ने बताया कि पीड़ित ने पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज की थी. क्राइम ब्रांच ने इस मामले में जांच के बाद गुजरात के सूरत के जहांगीरपुर में दबिश देकर पंकज, उसकी पत्नी विहारिका, संपत आशिया पत्नी हरिसिंह, विवेकदान गढ़वी गिरफ्तार किया. हालांकि, इस मामले में मास्टर माइंड ललित देवाल अब भी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है.
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