Madhya Pradesh News: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के पहले चरण की वोटिंग होने के साथ- साथ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में राजनीति तेज हो गई है. BJP के न्यू जॉइनिंग अभियान से नागेंद्र सिंह (Nagendra Singh) नाराज हो गए हैं. वो नागौद सीट (Nagod) से 6 बार के विधायक और एक बार सांसद रह चुके है. उनको मनाने के लिए नागौद स्थित विधायक निवास पर प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) और जिला अध्यक्ष सतीश शर्मा ने उनसे मुलाकात की और मनाने की कोशिश की.
BJP के कार्यक्रमों से बना रहे हैं दूरी
सुबह हुई मुलाकात के बाद माना जा रहा था कि वह भाजपा (BJP) के कार्यक्रमों में शामिल होंगे, लेकिन देर शाम जब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) की सभा हुई तब भी वे उसमें शामिल नहीं हुए. वह मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Yadav) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के कार्यक्रम में भी नजर नहीं आए थे.
नागेंद्र सिंह की नजर नहीं खुशी में पलीता ना लगा दे
इससे पहले शनिवार को शिवपुरी (Shivpuri) के पूर्व विधायक हरि वल्लभ शुक्ला (Hari Vallabh Shukla) और गौरव शर्मा (Gaurav Sharma) ने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी (BJP) की सदस्यता ले थी. इनके साथ ही कई अन्य नेताओं और समर्थकों भी बीजेपी में शामिल हुए थे. जिसे बीजेपी अपनी बड़ी जीत मान रही थी. लेकिन नांगेंद्र सिंह की नाराजगी कहीं बीजेपी की खुशी को नजर ना लगा दे.
आखिर क्या है नाराजगी की वजह
नागौद विधायक नागेंद्र सिंह की नाराजगी भाजपा से थी या फिर वह किसी व्यक्ति विशेष की वजह से नाराज हैं, इसको लेकर कई तरह की चचार्ए हैं. इन्हीं में से एक चर्चा यह है कि भारतीय जनता पार्टी ने पिछले दिनों न्यू जॉइनिंग अभियान चलाया था. इस अभियान में नागौद क्षेत्र के कई ऐसे नेता पार्टी में शामिल हो गए जो लगभग दो दशक से नागेंद्र सिंह को चुनौती देते रहे थे. नए जुड़े सदस्यों को भाजपा ने महत्व दिया जिससे नागेंद्र सिंह नाराज हो गए और पार्टी के कार्यक्रम से दूर हो गए.
यादवेन्द्र के भाजपा में आने के बाद से बढ़ी नाराजगी
नागेन्द्र सिंह विधानसभा चुनाव के दौरान दौड़ में शामिल नहीं थे. इसके बाद भी पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत अर्जित की. विधानसभा चुनाव में यादवेन्द्र सिंह उनके विपक्ष में चुनाव लड़े हालांकि इससे नागेन्द्र सिंह के परिणाम में कोई भी असर नहीं पड़ा. वहीं लोकसभा की चुनाव की घोषणा होते ही यादवेन्द्र सिंह परिवार सहित भाजपा में शामिल हो गए. इसके बाद उप मुख्यमंत्री के द्वारा सम्मान समारोह नागौद में आयोजित किया गया. नागेन्द्र सिंह उसमें शामिल नहीं हुए. यह पहली बार है जब उन्होंने भाजपा के खिलाफ बागी तेवर दिखाए हैं.
भाजपा को हो सकता है नुकसान
नागेन्द्र सिंह की नाराजगी का भाजपा को नागौद क्षेत्र में नुकसान उठाना पड़ सकता है. नागौद के कई इलाकों में नागेन्द्र सिंह और उनके परिवार का अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है. ऐसे कहीं न कहीं भाजपा को इस क्षेत्र में नुकसान होने की संभावना हैं. इसलिए उनको मनाने की कोशिश तेज हो गई है. नागेन्द्र सिंह 2014 में खजुराहो लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी रह चुके हैं.