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This Article is From Feb 09, 2024

मध्य प्रदेश में चलाया जाएगा "जल-हठ" अभियान, जल संसाधन मंत्री ने बताया इसमें होंगे ये सब काम?

MP News: जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इस संबंध में विभागीय प्रस्ताव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को उनके निवास पहुंचकर प्रदान किया तथा अनुरोध किया कि प्रदेश के प्रत्येक ग्राम में "जल-हठ" अभियान को जन आंदोलन के रूप में चलाया जाए.

मध्य प्रदेश में चलाया जाएगा "जल-हठ" अभियान, जल संसाधन मंत्री ने बताया इसमें होंगे ये सब काम?

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में जल संरक्षण (Water Conservation) और संवर्धन की समृद्धशाली परंपरा रही है. मध्य प्रदेश की चंदेल एवं गोंडकालीन जल संरक्षण प्रणाली (Water Conservation System in Madhya Pradesh) न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध रही है. एमपी में तालाबों के पुनर्जीवन और जीर्णोद्धार के लिए कई व्यापक कार्य किए गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा देश के प्रत्येक ग्राम में "हर घर जल" (Har Gram Jal) पहुंचाने के लिए वर्ष 2019 में जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) शुरू किया गया. इस मिशन की सफलता के लिए मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री (Chief Minister of Madhya Pradesh) डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) के नेतृत्व में "जल-हठ" अभियान जन आंदोलन के रूप में चलाया जाएगा. यह जानकारी जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट (Water Resources Minister Tulsiram Silavat) ने देते हुए कहा कि इसमें सरकार और समाज की भागीदारी से हर गांव, हर नगर में पुराने तालाबों एवं अन्य जल स्रोतों का उन्नयन, विकास, सौंदरीकरण, गहरीकरण कराया जाएगा तथा जल स्रोतों के आस पास किए गए अतिक्रमण को हटाकर वृक्षारोपण किया जाएगा.

विभागीय प्रस्ताव दिया गया

जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इस संबंध में विभागीय प्रस्ताव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को उनके निवास पहुंचकर प्रदान किया तथा अनुरोध किया कि प्रदेश के प्रत्येक ग्राम में "जल-हठ" अभियान को जन आंदोलन के रूप में चलाया जाए. प्रहलाद सिंह पटेल ने आश्वस्त किया है कि प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में जल स्रोतों के संरक्षण एवं जल संवर्धन को जन आंदोलन का रूप दिया जाएगा.

ऐसा है इस अभियान का प्लान

इस अभियान के अंतर्गत जल स्रोतों के अतिक्रमणों को प्राथमिकता से हटाया जाएगा. प्रदेश के तालाबों एवं अन्य जल स्रोतों में अतिक्रमण से उनका कैचमेंट एरिया समाप्त होता जा रहा है, जिससे जल स्रोतों में प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है तथा सिंचाई एवं पीने का पानी कम हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्र के छोटे-छोटे नदी नालों में पहले वर्ष भर जल संरक्षित रहता था, ये नदी नाले अब समाप्तप्राय हो गए हैं. वर्षा के जल को संरक्षित करने एवं भूजल उन्नयन के लिए इन्हें पुनर्जीवित करना अत्यंत आवश्यक है.

"जल-हठ" अभियान के अंतर्गत प्रदेश के सभी जिलों में प्राकृतिक जल स्रोतों, तालाबों के पुनर्जीवन कार्य के  लिए उन्हें चिन्हित कर विभागीय योजना बनाई जाएगी और समाज के विभिन्न वर्गों एवं स्वैच्छिक संगठनों के सहयोग से इसे जन आंदोलन के रूप में चलाया जाएगा. अभियान में सभी जनप्रतिनिधियों, सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों, खेल संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थानों, संत महंतों और बुद्धिजीवी वर्ग का भी पूरा सहयोग लिया जाएगा.

मंत्री ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता प्राकृतिक जल स्रोतों एवं तालाब को बचाने की है और उसके लिए हम योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं.

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