Gwalior News- मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार और प्रशासन के लिए इन दिनों अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो रही है. ब्यूरोक्रेसी से परेशान होकर कहीं कोई भाजपा विधायक इस्तीफा दे रहे हैं तो कहीं पुलिस अधिकारियों के सामने दंडवत कर रहे हैं. अब ग्वालियर में भाजपा की महिला पार्षद ने सोशल मीडिया पर मोर्चा खोल दिया है.
पार्षद अपर्णा पाटिल ने सड़क पर शराब पीते लोगों को दिखाते हुए एक वीडियो संदेश सोशल मीडिया पर डाला है. उनका कहना है कि उसके इलाके के लोग पार्कों और फुटपाथों पर जमी रहने वाली शराब की महफिलों से परेशान हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नही हो रही, लिहाजा उन्हें धरने पर बैठना पड़ेगा.
दरअसल, भाजपा की नेता अपर्णा पाटिल शहर के सबसे पॉश कहे जाने वाले बसंत विहार, विवेक विहार, चेतक पूरी, माधवनगर, श्रीराम कॉलोनी और हरिशंकर पुरम क्षेत्र से भाजपा की पार्षद हैं. यहां उच्च धनाड्य वर्ग और बड़े व्यापारियों के परिवार निवास करते हैं, लेकिन बीते कुछ सालों से यहां के पार्क, फुटपाथ और सड़कों पर रात दिन शराबियों का अड्डा बना रहता है. वे समूह में वहां बैठकर शराब पीकर लड़ते-झगड़ते हैं और अश्लील हरकतें करते है. इन सब वजहों से बच्चों खासकर महिलाओं और बच्चियों में भय व्याप्त रहता है. पाटिल कहतीं है कि वे हर स्तर पर इस समस्या को उठा चुकी हैं, लेकिन कहीं से कोई कार्रवाई नहीं हुई, जो चिंता और शर्म दोनों की बात है.
वीडियो में क्या है?
पाटिल ने अपने वार्ड 58 की सड़कों पर रात को पहुंचकर वीडियो रिकॉर्ड किया जिसमें उनके पीछे शराब पीते लोग साफ नजर आ रहे हैं. वे एसपी ग्वालियर को संवोधित इस वीडियो में कहतीं दिख रही हैं, “एसपी साहब हम इस समय वार्ड-58 में नाका चंद्रवदनी से संभागीय आयुक्त कार्यालय के पास हैं, जहां से हरिशंकरपुरम में भी प्रवेश करते हैं. मैं बताना चाहती हूं कि हमारे मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के सभी अहाते बंद कर दिए हैं, लेकिन आप देख सकते हैं कि आपके राज्य में इस पूरी सड़क पर ये क्या चल रहा है?”
एसपी को दी धरने पर बैठने की चेतावनी
महिला पार्षद ने कहा, “ यहां पूरी सड़क पर अहाते नजर आएंगे. हमे आश्चर्य होता है कि हमारे मुख्यमंत्री की मंशा है अहाते बंद करवाने की, लेकिन आप इस पर क्या कार्रवाई करते हैं? अगर आप इस पर कार्रवाई नहीं करते हैं तो सात दिन बाद मैं आपके एसपी ऑफिस में आकर बैठ जाऊंगी.”
पाटिल कहती हैं, “हमारी जो बहनें और बेटियां हैं, उन्हें यहां से निकलने में शर्म आती है. उनको लज्जा आती है. जब वे डिनर के बाद वॉक करने के लिए निकलती हैं तो डर जाती हैं. बच्चियां कोचिंग से आती है तो डरी रहती हैं. मुझे फोन करती हैं कि उन्हें बहुत भय है और शर्म आती है.”
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