Shivraj Singh Chouhan Kerala Visit: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister of Madhya Pradesh) शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) आज और कल (18 और 19 जनवरी) केरल दौरे पर रहेंगे. पूर्व सीएम शिवराज सिंह केरल में विकसित भारत संकल्प यात्रा (Viksit Bharat Sankalp Yatra) कार्यक्रमों में सहभागिता करेंगे. वे कोच्चि, कोट्टयम और पाला में आयोजित कार्यक्रमों को संबोधित करेंगे इसके अलावा वे मंदिरों में स्वच्छता अभियान और पार्टी की संसदीय क्षेत्र की बैठकों में भी शामिल होंगे. आज पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केरल में आदि गुरु शंकराचार्य की जन्मस्थली कालड़ी पहुंचे थे. जहां उन्होंने आदि गुरु के मंदिर में दर्शन व पूजन कर पौधारोपण किया.
मैं सौभाग्यशाली हूँ कि आज आदि शंकराचार्य जी की जन्मभूमि आया हूँ।
— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) January 18, 2024
यहीं उन्होंने जन्म लिया था और यहीं से वह गुरु की खोज में पदयात्रा कर ओंकारेश्वर की ओर निकले थे।
आचार्य शंकर के कारण ही आज भारत सांस्कृतिक रूप से एक है। उन्होंने दक्षिण से उत्तर, पूर्व से पश्चिम सारे भारत को जोड़ा।… pic.twitter.com/D2DyS7lkYs
मध्यप्रदेश से आचार्य शंकर का गहरा नाता : पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहर केरल की भूमि अत्यंत पवित्र है. इस धरती ने सनातन को आदि शंकराचार्य जी जैसा नायक दिया, जिसने सांस्कृतिक, आध्यात्मिक तथा भौगोलिक स्तरों पर सार्वभौमिक एकात्मता का सूत्रपात किया. मैं आचार्य शंकर की ज्ञानभूमि और गुरुभूमि मध्यप्रदेश से उनकी जन्मभूमि कालड़ी आया हूं. यहां की दिव्य आध्यात्मिक ऊर्जा आत्मा को और उज्ज्वल कर रही है.
एक बार पुनः भगवत्पाद आद्य श्री शंकराचार्य जी की ज्ञानभूमि ओंकारेश्वर से एकात्मता का सार्वभौमिक संदेश संपूर्ण विश्व को नई दिशा दे रहा है. यहां विनिर्मित 'एकात्म धाम' प्रकल्प तथा 'अद्वैत लोक' प्रस्थानत्रयी, सनातन संस्कृति, आर्षविद्या व वैदिक स्वर्णिम सिद्धांतों के प्रचार-प्रसार का वैश्विक केंद्र बन रहा है. मैं आचार्य शंकर के चरणों में कोटि-कोटि नमन करता हूं.
कालड़ी शिवराज सिंह चौहान ने क्या कुछ कहा?
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा मैं सौभाग्यशाली हूं कि आज आदि गुरु शंकराचार्य की जन्मभूमि पर आया हूं. यहीं उनका जन्म हुआ था और यहीं से वह गुरु की खोज में पदयात्रा करते हुए ओम्कारेश्वर की तरफ निकले थे. ओम्कारेश्वर में उनको गुरु मिले थे और वहीं से उन्होंने सन्यास लेकर भारत भ्रमण शुरू किया था.
पूर्व सीएम ने कहा यहीं से संदेश जाता है कि संघर्ष नहीं समन्वय, घृणा नहीं प्रेम और शांति सारे भेदभाव मिट जाएं. मैंने वह काम प्रारंभ किया था, लेकिन अब मोहन यादव जी की टीम उस काम को आगे बढ़ाएगी और दुनिया को संदेश देगी.
शिवराज सिंह चौहान
पूर्व सीएम ने कहा मुझे अत्यंत प्रसन्नता है कि उनके गुरु स्थान ओंकारेश्वर में भव्य प्रतिमा 'एकात्मता की मूर्ति' बन गई है. आदि शंकराचार्य जी का एकात्मता का विचार ही भौतिकता की अग्नि में दग्ध इस मानवता को शाश्वत शांति के पथ का दिग्दर्शन कराएगा.
भारतीय संस्कृति कहती है कि सभी में एक ही चेतना विराजमान है। पेड़-पौधे, जीव-जंतु, मनुष्य सभी परमात्मा की ही अभिव्यक्ति हैं।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 18, 2024
इसी भूमि से पैदल निकले आदि शंकराचार्य जी ने भी एकात्मता की बात कही, नदियों की स्तुति लिखी, पहाड़ों को पूजा और प्रकृति के साथ समन्वय स्थापित किया।
आज श्री… pic.twitter.com/BQKXoxCg6d
पेड़-पौधे, जीव-जंतु, मनुष्य सभी परमात्मा की ही अभिव्यक्ति : पूर्व सीएम
शिवराज सिंह चौहान ने पौधरोपण करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति कहती है कि सभी में एक ही चेतना विराजमान है. पेड़-पौधे, जीव-जंतु, मनुष्य सभी परमात्मा की ही अभिव्यक्ति हैं. इसी भूमि से पैदल निकले आदि शंकराचार्य जी ने भी एकात्मता की बात कही, नदियों की स्तुति लिखी, पहाड़ों को पूजा और प्रकृति के साथ समन्वय स्थापित किया. आज श्री आदि शंकर जन्मभूमि क्षेत्र की पुण्य भूमि में पौधरोपण का सौभाग्य मिला. मुझे विश्वास है कि विश्व मंगल के भाव से इस पुण्य क्षेत्र में रोपा यह पौधा जगत को शांति और शीतलता देगा. वहीं कालड़ी के प्रमुख स्वामी प्रो अय्यर ने कहा शिवराज जी आप आदि गुरु के प्रथम भक्त हैं.
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