
MP Today News: मध्य प्रदेश सरकार ने ऐरा प्रथा को समाप्त करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में गौशाला का निर्माण कराया है, लेकिन सीधी (Sidhi) जिले में गोवंश गौशाला की बजाय किसानों के खेतों में फसलों को नष्ट कर रहे हैं. यह समस्या सालभर से बनी हुई है. लेकिन इसका निदान संभव नहीं दिख रहा है. गौशाला निर्माण के नाम पर लाखों रुपए का खर्च भी अब बेकार साबित हो रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस गंभीर समस्या का समाधान कैसे होगा?
रतजगा करने को मजबूर किसान
सीधी (Sidhi) जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आलम कुछ ऐसा हो गया है कि अब किसान रतजगा करने को मजबूर हैं. दिन में भले ही गौवंश सड़कों एवं बंजर क्षेत्र में रहते हैं, लेकिन शाम होते ही गोवंश धीरे-धीरे खेतों में प्रवेश करते हैं और फिर पूरी रात किसानों की मेहनत पर पानी फेरते हुए उनकी फसलों को चट कर जाते हैं. ऐसे में काफी संख्या में किसान अपने खून पसीने की कमाई को बचाने के लिए खेतों में रात भर जागते रहते हैं.
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जिले में 13 गौशालाओं का निर्माण
सीधी जिले के सीधी, सिहावल, रामपुर नैकिन, कुसमी और मझौली विकासखण्ड में करीब 13 गौशालाओं का निर्माण कराया गया है. जिनका संचालन भी कागजों में होता दिख रहा है. हर गौशाला के निर्माण में करीब 38 लाख रुपये से अधिक राशि भी खर्च की गई है. चारा-भूसे के नाम पर भी घोटाला हो रहा है. जिम्मेदार भी इस तरफ ध्यान नहीं देते हैं और गौशालाएं सूनी पड़ी हुई हैं. गौवंश सड़क से लेकर खेतों में दिख रहे हैं.
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चारा- भूसा खरीदी का पंचायत को मिला है अधिकार
गौशालाओं में ग्राम पंचायत को चारा भूसा खरीदी एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए बजट दिया जा रहा है. स्व सहायता समूह को भी शामिल किया गया. लेकिन यहाँ काम के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ है. गौशाला सूनी पड़ी हुई है. मवेशी सड़कों पर बैठे होते हैं. अक्सर दुर्घटनाओं में वाहन चालकों और मवेशियों की जान को खतरा बना रहता है.
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