Madhya Pradesh News: जबलपुर (Jabalpur) के भाजपा (BJP) के एक वरिष्ठ नेता और पूर्व मंडल अध्यक्ष अनिल वर्मा (Anil Verma) द्वारा चाट विक्रेता के साथ गाली-गलौज और थप्पड़ मारने का मामला सामने आया है. यह घटना जबलपुर के गढ़ा थाना के श्री कृष्ण परिसर की है, जहां अनिल वर्मा अपने एक साथी के साथ चाट खाने पहुंचे थे. लेकिन, जब दुकानदार ने पैसा मांगा तो नेता जी को गुस्सा आ गया और उन्होंने दुकानदार को थप्पड़ जड़ ने के साथ ही गंदी-गंदी गालियां भी दी. घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें भाजपा नेता का आक्रामक व्यवहार स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है.
ये है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, अनिल वर्मा के चाट खाने के बाद दुकानदार ने उनसे पैसे मांगे. इसके साथ ही दुकानदार ने पहले के 40 रुपये बकाया होने का भी जिक्र किया. इस बात से नाराज़ होकर वर्मा ने अपना आपा खो दिया और दुकानदार को थप्पड़ मार दिया. घटना के समय अनिल वर्मा के साथ एक स्थानीय पार्षद के पति भी मौजूद थे, जो इस पूरे घटनाक्रम के दौरान चुपचाप खड़े दिखाई दिए.
सीसीटीवी फुटेज में कैद हुई घटना
चाट विक्रेता के साथ हुई यह बदसलूकी और मारपीट की घटना सीसीटीवी में कैद हो गई, जो अब वायरल हो चुकी है. फुटेज में स्पष्ट देखा जा सकता है कि भाजपा नेता ने दुकानदार के साथ दुर्व्यवहार करते हुए उसे थप्पड़ मारा. इस वीडियो के सामने आने के बाद जबलपुर में लोगों ने इस घटना को लेकर कड़ा आक्रोश व्यक्त किया है.
स्थानीय जनता में बढ़ता आक्रोश
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में भाजपा नेता के इस व्यवहार को लेकर गहरी नाराजगी है. लोगों का कहना है कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्हें मर्यादा में रहकर व्यवहार करना चाहिए. जनता ने मांग की है कि इस तरह के आचरण पर नेताओं को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
दोनों पक्षों का बयान देने से इंकार
NDTV संवाददाता संजीव चौधरी ने इस मामले प्रतिक्रिया जानने के लिए चाट विक्रेता और भाजपा नेता से संपर्क किया गया, लेकिन दोनों पक्षों ने इस मामले पर कुछ भी बोलने ही करने से इंकार कर दिया. चाट विक्रेता का कहना है कि उनके बीच आपसी समझौता हो गया है, लेकिन जनता में इस घटना के प्रति असंतोष बना हुआ है.
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जनप्रतिनिधियों के आचरण पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर से जनप्रतिनिधियों के आचरण पर सवाल खड़े कर दिए हैं. जनता का मानना है कि ऐसे नेताओं को अपने व्यवहार पर नियंत्रण रखना चाहिए और उन्हें अपने पद का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए.
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