Diwali 2024 : त्योहार और मिठाई... एकदूसरे के साथ याद रहते हैं... लेकिन मिलावट ने इस मिठास में ज़हर घोल दिया है. इस साल 10 महीनों में 120 क्विंटल से ज्यादा मावा जब्त किया गया है... ये आंकड़ा पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा है. सिर्फ मावा ही नहीं, बल्कि मिलावटी नमकीन भी बाज़ार में सेहत और जायका बिगाड़ने के लिए आ पहुंचा है. ऐसे में आप भी त्यौहारों पर बाजार से बनी मिठाई खरीद रहे हैं तो सावधान हो जाएं, क्योंकि इनकी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है. पिछले पांच सालों में इस साल अक्टूबर में सबसे ज्यादा 120 क्विंटल नकली मावा पकड़ा गया है. आम दिनों में भोपाल में रोजाना मावे की खपत 35 से 40 क्विंटल होती है, जो पर्व-त्योहार में 65 क्विंटल तक पहुंच जाती है. पिछले कई सालों से प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में नकली मावा ग्वालियर-चंबल संभाग, धौलपुर से लेकर आगरा तक से आ रहा है लेकिन असल माफियाओं के अड्डे पर कार्रवाई करने वाला कोई नहीं है.
प्रदेश में मावे के अलावा नकली नमकीन की खपत भी बड़े पैमाने पर हो रही है. इसी के चलते खाद्य विभाग की टीम मिठाई के कारखानों से लेकर नमकीन के कारखानों तक पहुंचकर छापे की कार्रवाई कर रही है और सैंपल के लिए नमूने लिए जा रहे हैं.
पिछले तीन सालों में पकड़ा गया कितना नकली मावा ?
- साल 2021 में 41 क्विंटल अमानक मावा पकड़ा गया.
- साल 2022 में 125 क्विंटल नकली मावा पकड़ा गया.
- साल 2023 में 90 क्विंटल से ज्यादा मावा पकड़ा गया.
भोपाल में सबसे ज्यादा नकली मावा ट्रेन और सड़क मार्ग से आता है. ग्वालियर-चंबल संभाग के अलावा आगरा, धौलपुर और झांसी के रूट पर सक्रिय माफिया बाजार में नकली माल खपा रहे हैं. साल 2024 में 10 महीनों के अंदर 121 क्विंटल अमानक मावा पकड़ा जा चुका है, और दिवाली कुछ ही दिन दूर है.
कैसे समझे असली और नकली मावे में फर्क
वैसे, आप घर बैठे मिलावटी मावे की जांच कर सकते हैं. इसके लिए हम आपको एक आसान सा उपाय बताते हैं. मावा असली है या नकली इसे पहचानने के लिए मावा को टिकिया जैसा बना लें, टिंचर आयोडीन की 2-4 बूंद डालें. अगर 5-7 मिनट में रंग बदल जाए तो समझ जाएं कि मावा नकली है.
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