मध्य प्रदेश में शिक्षा के अधिकार के तहत स्कूल आने वाले बच्चों को नियमित रूप से मिड-डे मील आहार देने के तौर तरीके पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सरकार नारा दे रही है कि पढ़ेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया लेकिन उर्जाधानी के नाम से विख्यात MP के सिंगरौली जिले के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील ग्रहण करने के बाद नौनिहालों को बर्तन धोने पर मजबूर किया जा रहा है. जिले के खनुआ टोला गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में NDTV के कैमरे में इसी तरह का नजारा कैद हो गया.
बता दें कि सिंगरौली जिले के खनुआ टोला गांव के सरकारी प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को मिड डे मील के लिए खुद बर्तन धोने का नजारा देखने को मिलता है. इसके बावजूद भी विद्यालय प्रशासन के तरफ से कोई रोक-टोक नहीं होती है. NDTV ने स्कूल जाकर जायज़ा लिया और स्टाफ से बातचीत की.
जनशिक्षक बद्री प्रसाद वर्मा के मुताबिक,
बद्री प्रसाद वर्मा
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चिंता में डाल देगा सरकारी स्कूलों का हाल
एक तरफ जहां शिक्षा प्रशासन बच्चों के बेहतर भविष्य को लेकर तरह-तरह के दावे करता है. वहीं, दूसरी तरफ स्कूलों में बच्चों से साफ़-सफाई करने की खबरें भी अक्सर सुनने को मिल जाती हैं. घटना सिंगरौली ज़िले के सरकारी प्राथमिक विद्यालय की है. जहां पर कुछ बच्चे बर्तनों की सफाई और गैर-जरूरी काम करते नज़र आ रहे हैं. एक तरफ जहां प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती हैं. वहीं, दूसरी तरफ सरकारी स्कूलों में जिन बच्चों को पढ़ाई के लिए भेजा जाता है. उनका ये हाल है.स्कूल में मिड-डे मील लेने के बाद बच्चे नल पर बर्तन धोते रहते है. इससे उनकी पढ़ाई भी बाधित होती है.
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