
Answer Sheet Digistalization: मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के कॉलेजेज की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के में गड़बड़ी रोकने के लिए बुधवार को बड़ा फैसला लिया है. सरकार एमपी में हायर एजुकेशन की उत्तर पुस्तिकाओं का डिजिटिलाइजेशन करेगी ताकि छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं कोपी जांचने के दौरान गड़बड़ी में अंकुश लगाई जा सके..
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मध्य प्रदेश के कॉलजेज में छात्रों को पढ़ाई जाएगी अन्य राज्यों की भाषा
रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए बताया कि मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालयों में अब छात्रों को अन्य राज्यों की भाषा पढ़ाई जाएगी, इनमें महाराष्ट्र और दक्षिण में भाषाएं शामिल है. मध्यप्रदेश सरकार ने यह फैसला तब लिया है जब महाराष्ट्र और दक्षिण के राज्यों में हिंदी भाषा को लेकर विवाद गहराया हुआ है.
कॉलेज स्तर पर प्रक्रिया शुरू की जाएगी ऑन्सर शीट्स डिजिटिलाइजेशन
हॉयर एजुकेशन में ऑन्सर शीट्स के डिजिटलाइजेश के फैसले पर चर्चा करते हुए मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने एनडीटीवी से पुष्टि करते हुए बताया कि जल्द कॉलेज स्तर पर छात्रों के उत्तर पुस्तिकाओं का डिजिटिलाइजेशन प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
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डिजिटलाइजेशन से पूरी पारदर्शिता के साथ होगा कॉपियों का मूल्यांकन
उच्च शिक्षा मंत्री ने आगे बताया कि जल्द ही मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रममें एक या दो भारतीय भाषा को शामिल किया जाएगा. इसके लिए क्रेडिट भी दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि राज्य के बाहर की जो भी भाषा स्टूडेंट्स सीखना चाहेगा, उन्हें इसके लिए अतिरिक्त क्रेडिट दिया जाएगा.
'मध्य प्रदेश का स्टूडेंट्स तमिलनाडु में जाए तो उनसे संवाद कर सके'
बकौल उच्च शिक्षा मंत्री, दूसरे राज्यों की भाषा को कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल करने का उद्देश्य है कि ताकि मध्य प्रदेश का स्टूडेंट्स तमिलनाडु में जाए तो उनसे संवाद कर सके, व्यवसाय के लिए कहीं जाए तो कनाडाई भाषा में बात कर सके, केरल में मलयालम से बात कर सके, आंध्र में तेलुगु में बात कर सके महाराष्ट्र जाए तो मराठी में बात कर सके.
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धीरे-धीरे सभी राज्यों की भाषाओं को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह ने बताया कि जल्द ही मध्य प्रदेश ऐसा पहला राज्य होगा जहां सभी भाषाओं को हिंदी भाषा राज्य के साथ सम्मान मिलेगा. मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि शिक्षाविद दूसरे राज्यों की भाषा को सेलबेस में शामिल करने के लिए पैटर्न तैयार कर रहे हैं, यह व्यवस्था अगले सत्र से लागू हो जाएगी.