
Assembly Election in MP: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election) की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. आने वाली 17 तारीख को सूबे की सभी 230 सीटों पर एक साथ वोट डाले जाएंगे (Voting in MP). चुनाव आयोग (Election Commission) लगातार यह कोशिश कर रहा है कि मतदाताओं (Voters) को जागरूक किया जाए ताकि वोटिंग प्रतिशत अधिक से अधिक रहे. 2018 के विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अब तक का सबसे अधिक वोटिंग प्रतिशत दर्ज किया गया था. वहीं 1957 के विधानसभा चुनाव में अब तक का सबसे कम वोट प्रतिशत (Voting Percentage) देखा गया था. आइए इन दोनों चुनावों के आंकड़ों को जरा करीब से देखते हैं.

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1957: सबसे कम वोटिंग प्रतिशत वाला चुनाव
पहले बात मध्य प्रदेश में हुए 1957 के विधानसभा चुनावों की करते हैं. इस चुनाव में 1,38,70,000 मतदाताओं ने हिस्सा लिया था. 1957 में मध्य प्रदेश में कुल 288 सीटों पर वोट डाले गए थे और 1029 उम्मीदवार मैदान में थे. इस चुनाव में कुल 40.2 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. 1957 में सबसे अधिक सीटें 232 कांग्रेस को मिली थीं. वहीं बीजेपी (तब भारतीय जनसंघ) को सिर्फ 10 सीटों पर संतोष करना पड़ा था. मध्य प्रदेश के इतिहास में सबसे कम वोटिंग 1957 में ही हुई है.

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2018: सबसे अधिक वोटिंग प्रतिशत वाला चुनाव
अब बात सबसे अधिक वोटिंग प्रतिशत वाले विधानसभा चुनाव की करते हैं. इसके लिए हमें बहुत पीछे नहीं जाना पड़ेगा. पिछले विधानसभा चुनाव 2018 में मध्य प्रदेश में अब तक का सबसे अधिक वोटिंग प्रतिशत दर्ज किया गया जब प्रदेश की 75.6 फीसदी जनता ने वोट डाले. इस दौरान कुल 5,05,00,000 मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया. प्रदेश की 230 सीटों पर कुल 2899 उम्मीदवार मैदान में थे. पिछली बार के चुनाव में कांग्रेस को 114 सीटें हासिल हुई थीं जबकि बीजेपी के खाते में 109 सीटें आई थीं. लेकिन 15 महीने शासन चलाने के बाद कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बीजेपी ने मध्य प्रदेश की सत्ता में वापसी की.