Diwali Air pollution in MP: वैसे तो आम तौर पर दिल्ली-NCR की हवा को सबसे प्रदूषित माना जाता है और मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) खासकर इंदौर की हवा (Indore air pollution) सबसे साफ समझी जाती है लेकिन दीपावली पर हुई आतिशाबाजी (fireworks) ने मध्यप्रदेश की हवा में भी भी जहर घोल दिया है. आलम ये है कि देश में सबसे स्वच्छ हवा वाले शहर इंदौर में PM2.5 का लेवल WHO के निर्धारित मानक से करीब 9 गुना ज्यादा हो गया. यहां दिवाली के अगले दिन AQI लेवल 213 पर पहुंच गया. राजधानी भोपाल (Bhopal air pollution)में हालात और भी खराब है. यहां 13 नवंबर की सुबह AQI लेवल 301 पहुंच गया है. दिवाली की रात प्रदेश में सबसे प्रदूषित शहर सिंगरौली रहा. जहां AQI लेवल 377 तक पहुंच गया.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि दिवाली में पटाखों की वजह से राजधानी सहित तमाम शहरों में प्रदूषण कई गुणा बढ़ गया. ग्वालियर, बैतूल और देवास में भी हवा की स्थिति बेहद खराब रही. अधिकांश शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 से 380 के बीच दर्ज किया गया. बता दें कि 100 से ऊपर AQI लेवल खराब श्रेणी में, 301 से 400 के बीच के AQI को बेहद खराब और 401 से 450 के बीच के AQI लेवल को अति गंभीर स्थिति में माना जाता है. आम तौर पर मध्यप्रदेश में हवा की स्थिति उत्तर भारत के दूसरे राज्यों की तुलना में अच्छी मानी जाती है. लेकिन दिवाली की रात हुई आतिशाबाजी ने सारे समीकरण बिगाड़ दिए हैं.ये हालत तब है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से ठीक पहले अपने आदेश में कहा था कि सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में ही नहीं बल्कि पूरे देश में पटाखों पर प्रतिबंध (Diwali Air pollution) रहेगा. लेकिन लोग कहां मानने वाले थे, दिवाली की रात इतने पटाखे फोडे़ गए कि पूरे प्रदेश में हवा जहरीली हो गई. दिवाली के अगले दिन यानी आज 13 नवंबर को सुबह 7:00 बजे भोपाल 301, जबलपुर 297, ग्वालियर 232, इंदौर 239, उज्जैन 231, सिंगरौली 202, कटनी 266 AQI लेवल दर्ज किया गया.
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